जबलपुर। संगम कॉलोनी के जैन मंदिर में रक्षाबंधन पर्व पर अद्भुत दृश्य देखने को मिला जब आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य श्री समय सागर जी के शिष्य वात्सल्य शिरोमणि प्रसादसागर जी के सानिध्य में इस त्यौहार को भक्तो द्वारा बड़े ही जोश और धूम धाम के साथ मनाया गया जिसमें भक्तो ने जैन धर्म के ११ वें तीर्थंकर श्रेयांशनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक अवसर पर निर्वाण लाडू समर्पित किया गया और साथ साथ कई भक्तो ने ७००- ७०० श्रीफल उन मुनिराजो को समर्पित किए जिन पर आज ही के दिन हस्तिनापुर में उपसर्ग हुआ था जिस कथा की नाट्य प्रस्तुति हनुमानताल के बच्चो द्वारा करी गई, मुनि श्री ने अपने उद्बोधन में बताया की कैसे राजा बलि के राज्य में हस्तिनापुर में ७०० मुनिराजो को जीवित जलाने का प्रयत्न किया गया था और जिस उपसर्ग को रोकने के लिए विष्णुकुमार मुनि राज ने अपने मुनि पद को त्याग कर बटुक रूप लिया था और ७०० मुनिराजो की रक्षा करी थी जिसके संकल्प के रूप में उस कथा को याद करते हुए हम सभी यह पर्व मनाते है साथ ही मुनि श्री ने सभी से कहा की इस पर्व को सिर्फ भाई बहन तक सीमित नहीं रखना चाहिए अपितु इसे विश्व मैत्री संकल्प दिवस के रूप में प्रेम , वात्सल्य , जीव दया और प्राणी मात्र की रक्षा के लिए मनाना चाहिए अतः सभी को एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे की रक्षा करनी चाहिए तभी हम पुनः राम राज्य ला सकेंगे प्रवचन के उपरांत मुनि संघ के सानिध्य में सभी ने सामूहिक रूप में मंत्र उच्चारण के साथ राखी बांधी।