नई दिल्ली। कोलकाता में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस ने पूरे देश में हलचल बढ़ा दी है, कोलकाता से लेकर राजधानी दिल्ली समेत कई इलाकों में पीड़िता को इंसाफ दिलाने और महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही है. इसी बीच कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के संग हुई इस हैवानियत पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया और इस केस को लिस्ट किया, जिसके चलते मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई.
बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल रहे. हालांकि कोर्ट ने केस को लेकर कई अहम आदेश दिए, साथ ही इसी केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने अहम मामला आया “वर्कस्पेस में सुरक्षा”. कोर्ट ने इस मामले को लेकर अहम बातचीत की और वर्कस्पेस में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अहम कदम उठाया।
क्या काम करेगी टास्क फोर्स
सीजेआई ने कहा कि एक नेशनल टास्क फोर्स बनाई जाए, जो देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा पर अपने सुझाव दे. हम पूरे मामले पर निगरानी करेंगे. डॉक्टरों के वर्कस्पेस में सुरक्षा बढ़ाने के लिए देश भर से 10 लोगों की टास्क फोर्स बनाई गई है. यह पहल वर्कस्पेस में सुरक्षा को बढ़ाने और इस तरह की घटना दोबारा सामने न आए इसीलिए की जा रही है।
कौन कौन होगा टास्क फोर्स में शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने इस इस टास्क फोर्स की कमान एक महिला को ही सौंपी है, नौसेना के लिए मेडिकल सेवाओं की डायरेक्टर जनरल एडमिरल आरती सरीन करेंगी।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी
एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास शामिल होंगे.
टास्क फोर्स के अतिरिक्त सदस्यों में एनआईएमएचएएनएस (NIMHANS) बैंगलोर से डॉ. प्रतिमा मूर्ति
एम्स जोधपुर से डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी
गंगाराम अस्पताल की डॉ. सोमिकरा रावत
अनीता सक्सेना, हेड कार्डियलजी, एम्स दिल्ली प्रोफेसर
पल्लवी सैपले, मुबंई मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर
डॉ. पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी की चेयरपर्सन एम्स
साथ ही अतिरिक्त सदस्य भी टीम में शामिल है-
भारत सरकार के कैबिनेट सचिव
भारत सरकार के गृह सचिव
सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष
राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष