मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, मालदीव के 28 द्वीपों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को आधिकारिक तौर पर सौंपे जाने के मौके पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। हमेशा मालदीव की मदद करने के लिए मैं भारत सरकार और खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं।

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने कही ये बात
वहीं भारत-मालदीव की इस करारनामे पर चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन मालदीव के साथ बहुत खास संबंध या सहयोग की इच्छा नहीं रखता है, जबकि भारत इस इलाके में अपने प्रभुत्व के लिए चीन को एक डर के तौर पर पेश करता है। वैसे चीन के सरकारी अखबार का एस जयशंकर की यात्रा पर नजर रखना ये प्रदर्शित करता है, चीन छटपटा तो रहा है लेकिन वो भारत और मालदीव के रिश्ते खराब करने में नाकाम रहा।
मालदीव 1190 द्वीप समूहों वाला देश
बता दें कि मालदीव में लगभग 1190 द्वीप हैं, जिनमें से 200 द्वीपों पर ही आबादी है। 150 द्वीप ऐसे हैं जिन्हें पर्यटन के लिए विकसित किया गया है। अब स्थिति ये होने वाली है कि 200 में से 28 द्वीपों की व्यवस्था भारत के हाथ में आ जाएगी। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा और मालदीव और भारत के संबंधों में आए तनाव के बाद दोनों देशों में हुआ ये नया समझौता भारत विरोधियों को चुभ सकता है, लेकिन ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश में भारत समर्थित सरकार का तख्तापलट हुआ है, ये भारत की कूटनीति के लिहाज से अच्छी खबर है।
चीन ने 36 द्वीप 1200 करोड़ तो भारत ने 28 द्वीप सिर्फ 923 करोड़ में लिए
दरअसल मुइज्जू सत्ता में आने के बाद पहली यात्रा चीन की की थी। इस दौरान मुइज्जू ने अपने 36 द्वीपों को चीन को सौंपने का ऐलान किया था। चीन ने तब 1200 करोड़ निवेश की बात कही थी। अब भारत ने 28 द्वीपों को सिर्फ 923 करोड़ में लेने का समझौता किया है। ये भारत के लिए चीन के खिलाफ एक कूटनीति जीत के तौर पर देखा जा रहा है।