रायपुर। छत्तीसगढ़ में रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगामी तेज हो गई है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और छत्तीसगढ़ भाजपा के सीनियर नेता रमेश बैस आ जायें या कोई और नेता आ जाए, लेकिन रायपुर दक्षिण से कांग्रेस के जीतने का दावा किया।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रमेश बैस को बीजेपी रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी बनाएगी क्योंकि वह बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। यदि उन्हें प्रत्याशी बनाया जाता है तो वह निश्चिततौर पर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो जाएंगे। ऐसे में विष्णुदेव सरकार के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। बीजेपी सरकार में सीएम समेत जो वर्तमान में लॉबी है, वह कभी नहीं चाहेगी कि बैस को सक्रिय राजनीति में वापस आने दिया जाए। प्रदेश बीजेपी में जो गुटबाजी है, वह बैस के आने के बाद छत्तीसगढ़ में और ज्यादा चरम पर पहुंचेगी, इसमें कोई शंका नहीं है।
‘काम करने की संस्कृति को किया नष्ट’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से सरकार की आक्रमर्णता के कारण सरकारी विभागों में लोग काम नहीं कर रहे हैं। काम करने की संस्कृति को नष्ट कर दिया गया है। यह बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरगुजा जिले के अस्पताल में चिकित्सक शराब पीकर आ रहे हैं, शिक्षक स्कूलों में शराब पी के जा रहे हैं। इस तरह की अनेकों घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस वजह से मैदानी अमला बेलगाम हो चुका है। यह साय सरकार की लापरवाही के एक बड़ा उदाहरण है। सात महीने के अंदर बीजेपी सरकार में जनता परेशान हो चुकी है, हर जगह घूसखोरी और भ्रष्टाचार दिख रहा है।
‘डॉक्टर मरीज से मांग रहा तीन रुपये की घूस’
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन ने कहा कि गरीब आदमी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों में बेहतर इलाज के लिए जाता है, क्योंकि यदि उसके पास पैसे होंगे तो वह प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज करवायेगा। शुक्ला ने दावा करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में भूपेश सरकार में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यस्थायें दुरुस्त थीं। वहां सुविधाएं बढ़ाई गई थीं। डॉक्टर्स की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब बीजेपी के राज में बिलासपुर जैसे शहर में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर मरीज से तीन हजार रुपये की घूस मांग रहे हैं। यह बेहद ही आपत्तिजनक है, इसमें सरकार को संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।