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गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय और जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा बिहार के बीच शनिवार को हुआ एक ऐतिहासिक समझौता एमओयू

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  • सीयू और जेपी विवि बिहार के बीच ऐतिहासिक एमओयू
  • बिहार के ध्यानार्थ सांस्कृतिक धरोहर को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
  • शोध और अनुसंधान के लिए साझा पहल

बिलासपुर। केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल और जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा (बिहार) के कुलपति प्रो. पीके. बाजपेयी ने समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में दोनों विद्वानों ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. चक्रवाल ने दोनों संस्थानों के मध्य हुए समझौता ज्ञापन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मानव संसाधन की क्षमता विकास पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

कौशल तथा उद्यमिता विकास

हमें युवाओं को सकारात्मक भाव रखने तथा सृजनात्मकता के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि कौशल तथा उद्यमिता विकास के माध्यम से हम छत्तीसगढ़ और बिहार की बहुमूल्य सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंच पर प्रदर्शित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए शोध, अनुसंधान तथा शैक्षिक विकास कार्यक्रम के द्वारा हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन प्रो. केएन. सिंह ने किया। कुलसचिव प्रो. एएस. रणदिवे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारी एवं शिक्षक उपस्थित थे।

युवाओं को होगा इसका लाभ: कुलपति प्रो.बाजपेयी

जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा (बिहार) के कुलपति प्रो. पीके. बाजपेयी ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों को अकादमिक रूप से और अधिक समीप लाने में कारगर सिद्ध होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सभी के लिए समानता, अभिगम, लचीलापन, शोध व अनुसंधान के लिए अवसर है। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान इस एमओयू को सक्रियता के साथ लागू करेंगे, जिससे युवाओं को इसका लाभ प्राप्त हो सके। इस एमओयू के तहत अकदामिक, शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में दोनों संस्थानों द्वारा किए जा रहे नवीनतम कार्यक्रमों एवं प्रयासों को साझा किया जाएगा।

एमओयू से यह लाभ

शोधार्थी एवं शिक्षक शोध दोनों संस्थान में भ्रमण कर सकेंगे।

संगोष्ठियां, अल्पकालिक कार्यक्रम, कार्यशालाएं एवं सिम्पोजियम होंगे।

प्रशासकीय प्रबंध के श्रेष्ठ मानकों को साझा करने में सक्षम होंगे।