रायपुर | श्री नारायणा हॉस्पिटल का “एडवांस गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी सेंटर”, छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन्, मध्य भारत में भी पेट की गंभीर बीमारियों के इलाज में अत्याधुनिक टेक्निक्स के उपयोग की वजह से अपनी एक विशेष पहचान स्थापित कर चुका है. यहाँ के अनुभवी गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ.भाविक शाह, हास्पिटल में गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी के मरीजों के गुणवत्तापूर्ण एवं बेहतर ईलाज के लिए वर्तमान में प्रचलित, विश्वस्तरीय एवं अति आधुनिक “सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी” और “कोलोडोकोडियोस्टॉमी” जैसे एडवांस एन्डोस्कोपिक प्रोसीजरों द्वारा कई मरीजों को बिना ऑपरेशन के ही स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर चुके हैं |
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा या आसपास के अन्य प्रांतों में किसी भी सिंगल सेन्टर में इतने ज्यादा सफल प्रोसीजर अभी तक नहीं हुए हैं. पैनक्रिएटाइटिस के ऐसे मरीज, जिनके पैनक्रियाज में बहुत तेज दर्द बना रहता है और वहां पर पानी या मवाद का गोला बन जाता है, जिसे “सूडोसिस्ट” कहते हैं, तो इस बीमारी का यहाँ पर एंडोस्कोपी द्वारा अत्याधुनिक ई.यू.एस.गाइडेड “सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी” से विश्वसनीय ईलाज उपलब्ध है, पहले इसका ईलाज केवल सर्जरी द्वारा ही संभव था, लेकिन अब इस नई अत्याधुनिक एन्डोस्कोपिक टेक्निक से बिना चीरा लगाए ही ईलाज हो जाता है, जिसकी वजह से मरीज का हाॅस्पिटल स्टे कम रहता है,इस टेक्निक से यहाँ पर अभी तक सौ से भी ज्यादा मरीज लाभान्वित हो चुके हैं |
इसी तरह अगर किसी मरीज की पित्त की नली में स्टोन ,ब्लॉकेज या ट्यूमर आदि की वजह से सीवियर ज्वाईन्डिस हो जाए, तो ऐसे में सामान्यतः एंडोस्कोपी द्वारा ही ईआरसीपी की जाती है, लेकिन यदि किसी केस में अगर आंतों में ब्लॉकेज हो जाए तो ईआरसीपी करना संभव नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में ई. यू.एस.गाइडेड “कोलोडोकोडियोडेस्टॉमी” जैसे अति आधुनिक प्रोसीजर का उपयोग किया जाता है,इसमें स्टैन्ट डालकर पित्त की नली और छोटी आंत को बिना कोई चीरा लगाए जोड़ दिया जाता है, जिससे ज्वान्डिस ठीक हो जाता है. डॉ.भाविक शाह के ऐसे ही 50 से भी अधिक यूनिक केसों की केस स्टडी “इन्टरनेशनल जरनल” में पब्लिश होने वाली है, जो इस सेगमेंट में अपने आप में एक अनोखी उपलब्धि है |