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क्या सच में CM योगी को पद से हटाने की थी तैयारी! किताब में किया गया बड़ा खुलासा

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नई दिल्ली | लोकसभा इलेक्शन के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में यह बार-बार दावा किया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा सत्ता में आने के बाद पद से हटा देगी। हालांकि, बीजेपी ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। इस बार फिर योगी आदित्यनाथ चर्चा का विषय बने हुए हैं। 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ को सीएम पद से हटाने की पूरी तैयारी थी। इस बात का दावा इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव ने अपनी किताब, “At The Heart Of Power: The Chief Ministers of Uttar Pradesh” में किया है।

श्यामलाल यादव ने अपनी किताब में लिखा कि यूपी में विधानसभा चुनाव होने में केवल 9 महीने का ही समय बचा था। ऐसे में लखनऊ और दिल्ली  के स्तर पर बीजेपी-आरएसएस के नेताओं की कई दौर की मीटिंग हुईं। एक समय में तो यह बिल्कुल तय हो गया था कि सीएम योगी को पद से हटा दिया जाएगा। इससे पहले योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कोई बदलाव किया जाता। उससे पहले भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान को इस बात का आभास हो गया कि अगर चलती सरकार के दौरान योगी आदित्यनाथ को पद से हटाया गया तो पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।

केशव प्रसाद मौर्य के साथ योगी की बढ़ी तल्खियां

श्यामलाल यादव ने अपनी किताब में योगी को हटाने की कोशिश के पीछे की वजह तो साफतौर पर नहीं बताई है। लेकिन योगी पर लिखे गए 16 पन्नों में योगी सरकार के विरोध में जो चीजें हो रही थीं, उसका ब्यौरा जरूर दिया है। उदाहरण के लिए उन्होंने लिखा कि उस दौर में योगी आदित्यनाथ की डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ मतभेद बढ़ रहे थे। हालांकि, इस मामले में संघ के नेताओं ने दखल दिया और जून 2021 में सीएम अचानक केशव प्रसाद मौर्य से मिलने के लिए पहुंच गए। इस मुलाकात को रिश्तों में सुधार की तरह देखा गया।

केशव प्रसाद मौर्य को अप्रैल 2016 में उत्तरप्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया था और साल 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली तो मुख्यमंत्री की रेस में उनका नाम भी शुमार था। लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने केशव प्रसाद मौर्य की जगह योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी। उसी समय से दोनों के बीच में मतभेद पैदा होने लगे थे।