रायपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की हर परीक्षा और भर्ती में गडबड़ी का आरोप लगा। प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस की विदाई में सीजी पीएससी की भी बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सीजी पीएससी की व्यवस्था में बदलाव का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने चुनावी वादे पर अमल करते हुए सीजी पीएससी भर्ती की सीबीआई जांच की घोषणा के साथ व्यवस्था में बदलाव के लिए कमेटी बनाई है। प्रो. प्रदीप कुमार जोशी को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रो. जोशी 2011 से 2015 तक सीजी पीएससी के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनके कार्यकाल में सीजी पीएससी की लगभग सभी परीक्षाएं निर्विवाद रही।
इधर, नीट प्रकरण के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रो. जोशी को सीजी पीएससी की व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर सवाल खड़ा कर दिया है। बघेल ने सोशल मीडिया (एक्स) में लिखा है कि सूचना मिली है कि प्रदेश भाजपा सरकार ने CGPSC की कार्यप्रणाली ‘सुधारने’ के लिए जो आयोग बनाया है इसके प्रमुख वही प्रो. प्रदीप कुमार जोशी हैं जो NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के प्रमुख सदस्य भी हैं। पूरा देश देख रहा है कि NEET की परीक्षाओं में भारी धांधली के कारण लाखों बच्चों का भविष्य अधर में है। जिस पर पूरे देश के अभ्यर्थी और उनके माता-पिता प्रश्न खड़े कर रहे हैं, उन्हें अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हमारे बच्चों की व्यवस्था सुधारने के लिए बुलाएँगे? मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि प्रदेश के बच्चों को सुरक्षित रखने की दृष्टि से तत्काल आयोग का अध्यक्ष बदलने पर विचार करें।
बता दें कि NEET की परीक्षा में बड़ा विवाद हो गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है जहां कोर्ट ने ग्रेस मार्क्स वाले 1563 अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। नीट की परीक्षा में हुई इस गड़बडी़ के बाद नीट पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ऐसे में उसी संस्था में काम कर रहे प्रो. जोशी को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की व्यवस्था में सुधार की जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर आपत्ति की जा रही है।