- जान बचाने का है ऐसा जुनून कि हर तीन माह में करते हैं रक्तदान
- यह है जज्बा, 14 साल में 17 हजार यूनिट रक्त जुटाए
बिलासपुर। शहर में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें दूसरों की जान बचाने का जुनून है। ये लोग अपने बहुमूल्य रक्त से लोगों की जान बचाते आ रहे हैं। हर तीन महीने में रक्तदान करते हैं। एक तरह से ये अब जीवनदाता बन चुके हैं। इनमें जज्बा ऐसा है कि यदि उन्हें पता चल जाए कहीं किसी मरीज को रक्त की जरूरत है, वैसे ही तत्काल वे मरीज के पास भगवान का दूसरा रूप बनकर पहुंच जाते हैं और समय पर रक्तदान कर जीवन बचाने का काम करते हैं। ये ही विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को चरितार्थ कर रहे हैं।
क्या कहते हैं रक्तदाता –
मिलता है सुकून
61 बार रक्तदान कर चुके प्रभात साहू का कहना है कि कई बार देखने को मिलता है कि समय पर रक्त नहीं मिलने पर मरीज की जान चली गई। वे ऐसे ही मरीजों के स्वजन की पीड़ा को समझते हैं। इसलिए नियमित अंतराल में रक्तदान कर लोगों की जान बचाने की कोशिश करते हैं। इससे सुकून मिलता है। हर व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। ये आपके लिए भी और दूसरों के लिए भी अच्छा रहता है।
रेयर ब्लड ग्रुप, फिर भी 70 बार रक्तदान
57 साल के किशोर नागदेव 70 बार रक्तदान कर चुके हैं। इनका का कहना है कि अक्सर ये देखने को मिलता है कि रेयर ग्रुप के ओ निगेटिव रक्त की व्यवस्था करने के लिए लोग काफी परेशान होते हैं। कई बार हालत ऐसी बनती है कि ब्लड नहीं मिल पाता। मेरा सौभाग्य है कि मेरा ब्लड रेयर है। ऐसे में जब किसी को रक्त की आवश्यकता होती है, तब मैं रक्तदान करता हूं। मैं रेयर ब्लड ग्रुप की महत्ता को समझता हूं।
रक्तदान में महिलाएं भी पीछे नहीं, 18 बार रक्तदान
रक्तदान करने में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। इन्हीं में शामिल हैं 40 साल की मनप्रीत खनूजा। उन्होंने रक्तदान की महत्ता को समझा। इसके बाद उन्होंने जज्बा ग्रुप से संपर्क कर नियमित अंतराल में रक्तदान करने की इच्छा जाहिर की। तब संस्था ने उनका साथ दिया। वहीं अब सात साल के भीतर में मनप्रीत 18 बार रक्तदान कर चुकी हैं। मनप्रीत कहती हैं कि जब मेरे ब्लड से किसी की जान बचती है, तो वह अहसास ही अलग रहता है।
युवाओं को दे रहे प्रेरणा
32 वर्षीय उदय गंगवानी 27 बार रक्तदान कर चुके हैं। वे कहते हैं कि जब अपनों को रक्त की आवश्यकता पड़ती है और उन्हें नहीं मिलता है तो मैं उस समस्या को समझता हूं। इसलिए मैं रक्तदान करता हूं और समय पर जरूरतमंद के लिए रक्त की व्यवस्था करने की कोशिश करता हूं। वहीं युवा होने के नाते अन्य युवाओं को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करता हूं, ताकि समय पर हर किसी को ब्लड मिल सके।
रक्तदान के फायदे
हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करना चाहिए। इससे शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित होती है।
स्ट्रोक व हार्ट अटैक से भी बचाव होता है।
वजन घटाने में मदद मिलती है।
एक बार के रक्तदान से कम से कम तीन लोगों को नया जीवन मिलता है। इससे खुशी और मानसिक संतुष्टि मिलती है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है
यह है जज्बा, 14 साल में 17 हजार यूनिट रक्त जुटाए
शहर की जज्बा संस्था ब्लड की व्यवस्था करने की काम करती है। संस्था के संयोजक संजय मतलानी ने बताया कि इस संस्था की शुरुआत साल 2008 में की गई थी। इसके बाद संस्था से स्वयं ही लोग जुड़ते गए। वहीं अब इस संस्था के तीन हजार से ज्यादा सदस्य हैं, जो सक्रिय रक्तदाता है। इन रक्तदाताओं ने अन्य को भी जागरूक करते हुए 14 साल में 17 हजार यूनिट ब्लड जुटाकर एक मिसाल पेश की है। यह संस्था अब तक हजारों की जान बचाकर विश्व रक्तदाता दिवस को चरितार्थ करते आ रही है।