रायपुर। विधानसभा में बीजेपी के अजेय योद्धा बृजमोाहन अग्रवाल अब सांसद बन गए हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की है। बृजमोहन की यह जीत देश के टॉप टेन बड़े अंतर से जीत में शामिल है। बृजमोहन विधानसभा चुनाव 2023 में रायपुर दक्षिण सीट से यह उनकी लगातार चौथी जीत थी। उससे पहले वे रायपुर शहर सीट से चार बार विधायक चुने गए थे। आठ बार के विधायक बृजमोहन के लोकसभा जाने के बाद अब रायपुर दक्षिण सीट से उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बृजमोहन को लोकसभा का टिकट मिलने के साथ ही इस सीट के अगले प्रत्याशी को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था।
बृजमोहन ने ही रायपुर को बनाया बीजेपी का गढ़
रायपुर शहर सीट पर बृजमोहन ने पहली बार 1990 में 26 सौ से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने कांग्रेस के सीटिंग एमएलए स्वरुप चंद जैन को हराया था। इसके बाद कांग्रेस इस सीट पर अपना खाता नहीं खोल पाई है। पार्टी हर विधानसभा चुनाव में नया प्रत्याशी खड़ा करती है, लेकिन कोई भी बृजमोहन के सामने टिक नहीं पाता है। राजनीतिक विश्लेषकों की राय में बृजमोहन को चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल है। इसी वजह से प्रदेश में होने वाले अधिकांश चुनावों में पार्टी बृजमोहन को जिम्मेदारी सौंपी है। इसी प्रबंधन के दम पर उन्होंने रायपुर सीट को बीजेपी का गढ़ बना दिया है।
बीजेपी की जीत तय
रायपुर दक्षिण सीट से जो भी उप चुनाव लड़ेगा उसकी जीत तय है। कारण यह है कि दक्षिण सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में बृजमोहन का प्रभाव और पकड़ मजबूत है। इधर, राज्य में अभी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में बीजेपी ही नहीं राजनीतिक जानकार भी मान रहे हैं कि इस सीट पर होने वाले उप चुनाव में बीजेपी जिसे भी टिकट देगी वह विधायक चुन लिया जाएगा। यही वजह है कि बीजेपी में इस सीट से टिकट के दावेदारों की लिस्ट लंबी हो गई है।
इन दो नेताओं की दावेदार सबसे मजबूत
रायपुर दक्षिण सीट से बीजेपी में अभी आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार हैं, लेकिन जिन दो लोगों की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है उनमें पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव और प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे प्रेम प्रकाश पांडेय का नाम शामिल है। छत्तीसगढ़ राज्य बना तक श्रीवास्तव भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार 2003 के विधानसभा चुनाव में रायपुर ग्रामीण सीट से सुनील सोनी के साथ श्रीवास्तव का नाम भी सबसे आगे था, लेकिन स्व. लखीराम अग्रवाल के हस्तक्षेप के बाद राजेश मूणत को प्रत्याशी बना दिया गया। श्रीवास्वत मेयर पद के भी दावेदार थे, लेकिन उन्हें सभापति के पद से संतोष करना। कुछ समय के लिए पार्टी ने उन्हें आरडीए का अध्यक्ष बनाया था। रायपुर उत्तर सीट से कई बार श्रीवास्तव का नाम चर्चा में रहा, लेकिन चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान श्रीवास्तव को सरगुजा संभाग की जिम्मेदारी दी गई थी, जहां पार्टी ने सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसकी वजह से संगठन में उनका कद बढ़ा है।