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‘कोई भी कानून के चंगुल से बच नहीं सकता, प्रज्ज्वल 31 मई तक भारत नहीं लौटे तो…’, कर्नाटक के मंत्री का एलान

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बेंगलुरु। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को संकेत दिया कि कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेकुलर) के सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना अगर 31 मई को जांच दल के सामने पेश नहीं हुए तो उन्हें विदेश से लाने के लिए अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रज्ज्वल ने एक वीडियो बयान में कहा है कि वह विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश होंगे और तफ्तीश में सहयोग करेंगे। इसके बाद गृह मंत्री का यह बयान आया है।

परमेश्वर ने पत्रकारों से कहा, “हमने प्रज्ज्वल को वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए हैं। हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखे, हमने उनके खिलाफ वारंट प्राप्त किया है, जिसकी सूचना हमने (केंद्रीय) गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को दे दी है। साथ ही ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया गया है। इस बीच उन्होंने अपनी वापसी को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया है।”

उन्होंने कहा कि प्रज्ज्वल का देश लौटने का फैसला उचित है क्योंकि कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता। उन्होंने कहा, “अगर वह चुनाव हार जाते हैं तो उनकी (संसद की) सदस्यता चली जाएगी और उनका राजनयिक पासपोर्ट भी जब्त कर लिया जाएगा। इस सब पर विचार करके उन्होंने शायद वापस आने का फैसला किया।”

मंत्री ने कहा कि प्रज्ज्वल के वापस आते ही कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि 31 मई को क्या होता है। अगर वह नहीं आए तो अगली प्रक्रिया शुरू होगी।” इस सवाल पर कि क्या प्रज्ज्वल को यहां पहुंचते ही आव्रजन केंद्र में गिरफ्तार किया जाएगा, परमेश्वर ने कहा कि एसआईटी इसका फैसला करेगी।

तेंतीस वर्षीय प्रज्ज्वल जद (एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और हासन लोकसभा क्षेत्र से राजग के उम्मीदवार हैं। उन पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। वह हासन में मतदान होने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को कथित रूप से जर्मनी चले गए थे।