- ओपन स्कूल परीक्षा के परिणाम में बंदूक पर शिक्षा के कलम की जीत
- ओपन स्कूल परीक्षा में 14 लाख रुपये के इनामी नक्सली लिबरू कोर्राम सफल
- दिवाकर ने लाल आतंक का साथ छोड़ वर्ष 2021 में किया था सरेंडर
कवर्धा- छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में ओपन स्कूल परीक्षा के परिणाम में इस बार बंदूक पर फिर से शिक्षा के कलम की जीत हुई है। ओपन स्कूल परीक्षा में 14 लाख रुपये के इनामी नक्सली लिबरू कोर्राम उर्फ दिवाकर समेत 100 से अधिक युवा उत्तीर्ण हुए है।
दिवाकर की पत्नी लक्ष्मी ने भी किया था सरेंडर
इसी प्रकार दिवाकर की पत्नी लक्ष्मी भी सरेंडर की थी। लक्ष्मी के ऊपर भी इनाम था। वह तीन विषयों में उत्तीर्ण हुई है और दो विषयों में सप्लीमेंट्री आई है। अधिक दूरी होने के कारण स्कूल व कोचिंग सेंटर तक पहुंचने में असमर्थ विद्यार्थियों के लिए वनांचल के शिक्षित युवाओं के माध्यम से ही नक्सल प्रभावित गांवों के विद्यार्थियों को कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई कराई गई।
जिसमें 14 वर्ष बाद लिबरू कोर्राम उर्फ दिवाकर को पढ़ाई शुरू किया। वह कक्षा एक में स्कूल छोड़ दिया था। वह दसवीं कक्षा की ओपन परीक्षा में दो बार असफल हुआ। लेकिन अंततः तीसरे प्रयास में अब उत्तीर्ण हुआ है। 200 बच्चों में से 105 उत्तीर्ण हो गए है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षा से जुड़े
वहीं अन्य विद्यार्थी, जो कुछ विषय में फेल हुए है, वे आने वाले समय में संबंधित विषय की परीक्षा में शामिल होंगे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह बघेल ने बताया कि जिला पुलिस का उद्देश्य है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षा से जुड़े।
कबीरधाम एसपी डा अभिषेक पल्लव ने कहा, कबीरधाम जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पुलिस द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत लोग पुलिस से जुड़ रहे है। सभी नक्सलियों से अनुरोध है कि वे हिंसा छोड़ें और सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाए।