Home काव्य अवैध प्लाटिग धनहा खेत ला बनाओ तुमन भर्री

अवैध प्लाटिग धनहा खेत ला बनाओ तुमन भर्री

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छत्तीसगढ़ के प्लाट काट काट के चलाओ अपन जीनगी।
बने करे हबव नाम उजागर यादगार रही तुहर जीवनी।
कैसे करहू तुमन किसानी जब सिराजही जम्मों पूंजी।
काला खाहूं अऊ काला खवाहू नई उगाऊ जब एको बीजा ।
धनहा खेत ला बनाओ तुमन भरीं।
प्लाट काट काट के चलाओ अपन जीनगी।
बने करे हबव नाम उजागर यादगार रही तुंहर जीवनी।
जांगर ला धरे रहव अऊ बैठे बैठे खाव।
खेत खार ला बेंच के कार नवां लाव।
हाथ गोड ला सुख देके जींम के फैसन लगाव।
बनी करे मा सरम आथे पढ़े लिखे हाव।
धनहा खेत ला बनाओ तुमन भर्री
प्लाट काट काट के चलाओ अपन जीनगी।
बने करे हबव नाम उजागर यादगार रही तुहर जीवनी।
खेत मां उतर के देखो भुईयां में माथ नवावव जी।
मां गोदी के सुख हावय तुमन देखो कभु आके जी।
करो नवा अविष्कार अव करव नवा व्यापार।
अपन करम ला कर लव जी ये सृजन के दिन हे करव कछु उपकार। बिहानिया माथा भिया मा टेक के निकलव घर ला। हाथ बटा के साथ जुटा के गढ़व नवा जिनीश ला।
धनहा खेत ला बनाओ तुमन भर्री।
प्लाट काट काट के चलाओ अपन जीनगी।
बने करे हबत नाम उजागर
यादगार रही तुहर जीवनी ।

रचना
पृथ्वी प्रधान