मंत्री लखन लाल देवांगन ने पत्र के माध्यम से कहा है कि स्थानीय बेरोजगारों के माध्यम से आए दिन शिकायतें आ रही है की स्थानीय बेरोजगारों की बजाय बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है. जबकि स्थानीय लोगों को 70 फीसदी लेना है और बाहरी लोगों को 30 फीसदी लेना है. वर्तमान में सार्वजनिक उपक्रमों में नियोजित कई ठेका कंपनियों द्वारा स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा की जा रही है. जो की अनुचित है. मंत्री देवांगन ने सभी उपकर्मों से 7 दिन के भीतर स्थानीय और बाहरी श्रमिको की जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य सरकार की मंशा भी स्थानीय लोगों को काम पर रखने की है |
डाटा से स्थिति होगी स्पष्ट, बेरोजगारों को मिलेगा काम
पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक उपक्रमों में नियोजित निजी कंपनियों में कितने श्रमिक काम कर रहे हैं, श्रमिक स्थानीय हैं या फिर बाहरी हैं, इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने की दिशा में ठोस पहल नहीं हो पाती थी. निजी ठेका कंपनियों द्वारा मनमानी की जाती थी, अब श्रमिकों की वास्तिवक जानकारी सामने आने के बाद बेहतर प्रयास संभव हो सकेगा. उद्योग मंत्री देवांगन स्थानीय बेरोजगारों के लिए लगातार सार्थक प्रयास कर रहे हैं|