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क्या मंगल पर कभी जीवन था? वैज्ञानिकों को मिला हैरान करने वाला सबूत

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मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाश रहे वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है. NASA के क्यूरिऑसिटी रोवर ने वहां कई जगहों पर मैंगनीज का पता लगाया है. रोवर पर लगे ChemCam इंस्ट्रूमेंट ने गेल क्रेटर (Gale Crater) पर भारी मात्रा में मैंगनीज और मैंगनीज ऑक्साइड की मौजूदगी दर्ज की है. मैंगनीज एक रासायनिक तत्व है जो प्रकृति में शुद्ध रूप से नहीं मिलता. हालिया स्टडी की नतीजे 1 मई को Journal of Geophysical Research: Planets में छपे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, मैंगनीज तलछट किसी नदी, डेल्टा या किसी तट या प्राचीन झील में बनी थी. स्टडी के लीड ऑथर, पैट्रिक गैस्डा के मुताबिक, ‘मंगल की सतह पर मैंगनीज ऑक्साइड का बनना मुश्किल है, इसलिए हमने उम्मीद नहीं की थी कि यह इतनी ज्यादा मात्रा में पाया जाएगा.’ गैस्डा ने बताया कि पृथ्वी पर ऐसा जमाव लगातार होता रहता है क्योंकि हमारे वायुमंडल में फोटोसिंथेटिक लाइफ से ऑक्सीजन ज्यादा मात्रा में बनती है. माइक्रोब्स भी मैंगनीज ऑक्सीडेशन की प्रतिक्रियाओं को और तेज करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें अब तक मंगल पर जीवन के सबूत नहीं मिले हैं और मंगल के प्राचीन वायुमंडल में ऑक्सीजन बनने का तंत्र कैसा था, यह साफ नहीं है. तो यहां मैंगनीज ऑक्साइड कैसे बनी और जमा हुई, यह बड़ी हैरान करने वाली बात है |’

वैज्ञानिकों ने की मंगल और पृथ्वी की तुलना

हालिया स्टडी मंगल के वायुमंडल में हो रहीं और बड़ी प्रक्रियाओं या सतह पर पानी की ओर इशारा करती है. गैस्डा के मुताबिक, ‘मंगल पर ऑक्सीडेशन को समझने के लिए अभी और काम करने की जरूरत है.’ रिसर्चर्स ने यह भी समझने की कोशिश की कि मंगल पर रेत में मैंगनीज कैसे बन हो सकता है. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि चट्टानों में मैंगनीज के अवक्षेपण के लिए कौन सा ऑक्सीडेंट जिम्मेदार हो सकता है. रिसर्च पेपर में नतीजों की तुलना पृथ्वी पर मैंगनीज की उपलब्धता से की गई है |

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अगर कभी मंगल पर रहा हो जीवन तो….

धरती पर मैंगनीज के डिपॉजिट वायुमंडल में ऑक्सीजन की वजह से बनते हैं. बैक्टीरिया की मौजूदगी से यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है. धरती के माइक्रोब्स मैंगनीज की कई ऑक्सीडेशन अवस्थाओं का इस्तेमाल एनर्जी पाने के लिए कर  सकते हैं. मंगल ग्रह की चट्टानों में मैंगनीज की अधिकता से एक और संकेत मिलता है. अगर कभी वहां जीवन रहा होगा तो यह उसके लिए एनर्जी का एक प्रमुख सोर्स रहा होगा