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औली, फूलों की घाटी, माणा गांव… बद्रीनाथ के पास घूमने के लिए ये हैं शानदार जगह, देखने को मिलेंगे एकदम स्वर्ग जैसे नजारे

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उत्तराखंड– उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इसी महीने की 10 तारीख से शुरु होने जा रही है। चार धामों में से चौथा और सबसे आखिरी धाम बद्रीनाथ है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई से खुलने जा रहे हैं। बाकी तीनों धामों के कपाट 10 मई को खुलेंगे। हिंदू धर्मग्रंथों में कहा गया है कि बद्रीनाथ की यात्रा के बिना एक हिंदू का जीवन अधूरा होता है। बद्रीनाथ आप आसानी से कार, टैक्सी, बस, बाइक के माध्यम से पहुंच सकते है। बद्रीनाथ के आसपास घूमने की कई सारी जगह हैं। अगर आप इस साल बद्रीनाथ की यात्रा पर आने का प्लान कर रहे हैं, तो आज हम आपको बद्रीनाथ के आसपास घूमने की कुछ जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए।

बद्रीनाथ के आसपास घूमने की बढ़िया जगह

जोशीमठ

बद्रीनाथ के पास घूमने के लिए आप जोशीमठ जा सकते हैं। जोशीमठ आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित चार ‘मठों में से एक है। जोशीमठ समुद्र तल से 1,890 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जोशीमठ की यात्रा के दौरान कल्पवृक्ष और नरसिंह मंदिर के दर्शन जरूर करें। जोशीमठ की बद्रीनाथ से दूरी 46 किलोमीटर है। माणा गांव (Mana Village) माणा गांव को प्रथम भारतीय गांव के रूप में जाना जाता है।

माणा गांव

तिब्बत-चीनी सीमा के करीब स्थित है। 10,000 फीट की ऊंचाई पर सरस्वती नदी के तट पर स्थित माणा गांव बेहद सुंदर है। बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु यहां जरूर आते हैं। माणा बद्रीनाथ से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर है।

औली (Auli)

समुद्र तल से 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित औली उत्तराखंड का फेमस हिल स्टेशन है। साथ ही औली स्कीइंग और पैराग्लाइडिंग का घर भी है। वेडिंग डेस्टिनेशन से लेकर हनीमून के लिए भी औली काफी फेसम है। एशिया की सबसे ऊंची और लंबी केबल कार औली में ही स्थित है। ये केबल कार सीधे इसे जोशीमठ से जोड़ती है। सर्दियों में यहां जमकर बर्फबारी होती है। बद्रीनाथ से औली की दूरी 60 किलोमीटर है।

हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib)

बद्रीनाथ आने पर आप घूमने के लिए हेमकुंड साहिब भी जा सकते हैं। हेमकुंड साहिब में ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंहजी ने सालों तक तपस्या की थी। हेमकुंड साहेब कई बर्फ से ढकी चोटियों के बीच समुद्र तल से 4,329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए गोविंदघाट से घांघरिया होते हुए 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

पांडुकेश्वर (Pandukeshwar)

पांडुकेश्वर हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जो 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि पांडुकेश्वर वही स्थान है, जहां पांडवों के पिता राजा पांडु ने भगवान शंकर से प्रार्थना की थी। कहा जाता है कि पांडुकेश्वर में वासुदेव मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा कराया गया था। पांडुकेश्वर में योग ध्यान बद्री मंदिर और भगवान वासुदेव मंदिर सबसे ज्यादा फेमस है।

फूलों की घाटी (Valley of Flowers)

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी बद्रीनाथ के पास घूमने की फेमस और सुंदर जगहों में से एक है। फूलों की घाटी 87.50 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली हुई है। देश के साथ विदेशों से भी टूरिस्ट इस सुंदर जगह को देखने के लिए आते हैं। यहां आने के लिए आपको 16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यहां की यात्रा गोविंदघाट से शुरु होती है।

अगर आप बद्रीनाथ आने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको इन सुंदर और शानदार जगहों को भी अपने ट्रैवल प्लान में जरूर शामिल करना चाहिए।