आरंग– पौराणिक काल से ही आरंग दानशीलता के लिए प्रख्यात रहा है। राजा मोरध्वज की दानशीलता की कहानी तो बच्चे बच्चे की जुबान पर सहज ही सुना जा सकता है।वही नगर के स्वयंसेवी सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन भी नगर में दानशीलता के अनेकों मिशाल पेश कर चुके हैं। विगत दो ढाई वर्षो से ग्रीष्म काल में मूक पशुओं के लिए जगह-जगह जल पात्र रखकर जल दान महादान अभियान चला रहे हैं।वहीं नगर के मुख्य मार्ग, मुक्तिधाम, सब्जी मंडी में लोगों को शीतल जल उपलब्ध कराने वाटर कूलर स्थापित किए हैं।नगर में जगह जगह पक्षियों के लिए सकोरा रखकर जल दान महा अभियान के साथ साथ सार्वजनिक प्याऊ केंद्र का संचालन कर रहे हैं।जिसकी इन दिनों नगर सहित अंचल में काफी सराहना हो रही है। वहीं ग्रामीण अंचलों में युवागण पीपला फाउंडेशन के कार्यों से प्रेरित होकर जनहित व रचनात्मक कार्य करने की पहल करने लगे हैं। इस तरह यह फाउंडेशन
जन सरोकार व रचनात्मक कार्यों के लिए रोल मॉडल बनते जा रहा है।गत दिवस राहगीरों को शीतल जल के उपलब्ध कराने महासमुंद के बस स्टैंड में वाटर कूलर एक और वाटर कूलर की स्थापित किया गया। वही नगर में मूक जानवरों के लिए सैकड़ो स्थानों पर जल पात्र रखकर मूक पशुओं को जल पिला रहे हैं साथ ही उन जलपात्रों की देखरेख कर रहे हैं। फाउंडेशन के सदस्यों का कहना है प्यासे को पानी पिलाने से बेहतर जल का सदुपयोग भला और क्या हो सकता है।वहीं बरसात में पौधे दान जन अभियान, मकर संक्रांति में वस्त्रदान, लड्डू दान, वर्ष भर शिक्षा दान,नेत्रदान,समय-समय पर रक्तदान, मूक पशुओं के लिए जल पात्र दान, जरूरत मंदों को यथेष्ट धन दान, श्रमदान सहित सबसे बड़ी समय दान कर जनमानस में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।