रायपुर– श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा के पूर्व अध्यक्ष स्व. निर्मल कुमार जी सेठी की तृतीय पुण्यतिथि पर देशभर के 200 शहरों में श्रावक समुदाय के द्वारा जैन धरोहर दिवस के रूप में उन्हें स्मरण कर विनयांजलि दी गई। एक सप्ताह से भी कम समय की पूर्व सूचना पर पूरे देश का जैन समाज अपने प्रिय नेता को विनयांजलि देने के लिए भावातुर हो उठा। यह उनकी लोकप्रियता का आज भी जीवंत उदाहरण है। उनके द्वारा जीवन में किए गए पुरातत्व संरक्षण एवं सद कार्यों को स्मरण कर लोग अश्रुपूरित थे।
अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के 40 वर्षों में स्वर्गीय सेठी जी ने लगभग 40 देशों में भ्रमण कर जैन पुरातत्व पर शोध, सर्वेक्षण एवं अनुसंधान का कार्य जारी रखा। उनके द्वारा विषय के विशेषज्ञ विद्वानों का डेलिगेशन साथ लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, कंबोडिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड एवं श्रीलंका आदि अनेक देशों में यूनिवर्सिटीज एवं कॉलेजेज में सेमिनारे आयोजित की गई, बौद्धिक संगठनों के बीच वार्ताये आयोजित की गई तथा विश्व धर्म सम्मेलन को संबोधित किया गया।
श्री सेठी जी का जन्म इसलिए नहीं हुआ कि वह अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज करा सके बल्कि इसलिए हुआ था कि विश्व में विस्मृति हो रही जैन पूरा निधि की खोज कर वे उसे सप्रमाण गर्व के साथ इतिहास के पन्नों पर दर्ज करा सके और उन्होंने इस कार्य को बखूबी पूरा किया। आज हमारा दायित्व बनता है कि उनके कार्यो को हम उन्ही की तर्ज पर आगे जारी रखें तथा अगला जैन धरोहर दिवस पूरी तैयारी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाएं एवं राजधानी दिल्ली में उनकी स्मृति में उनके नाम से किसी भवन अथवा ऑडिटोरियम का निर्माण करा सके।
इस बार उनकी तृतीय पुण्यतिथि का मुख्य समारोह दिनांक 27 से 28 अप्रैल 2024 को श्रवणबेलगोला एवं बेंगलुरु में आयोजित किया गया। अनुशासित रूप से मिनट टू मिनट संचालित इस कार्यक्रम की शोभा देखते ही बनती थी।
जैन धरोहर दिवस एवं श्री सेठी जी की पुण्यतिथि के आयोजन के अनेक स्थानों से समाचार एवं फोटोग्राफ्स प्राप्त हुए हैं। निम्न अनुसार प्रदेश वाइज लगभग 200 स्थान से श्री सेठी जी को विनयांजलि देना हमारी भावनात्मक एकता एवं श्री सेठी जी के प्रति श्रद्धा भक्ति को दर्शाती है।
प्राप्त आकड़ो के अनुसार राजस्थान में 30, असम में 24, उत्तर प्रदेश 26, छत्तीसगढ़ 24 पश्चिम बंगाल 20, मध्य प्रदेश 11, महाराष्ट्र 10, झारखंड 2, बिहार 2, जम्मू 1, अन्य 50 (कर्नाटक केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र, उड़ीसा गुजरात, हरियाणा एवं पंजाब) इसप्रकार कुल 200 स्थानों पर विनयांजलि दी गई।