अक्सर भाजपा पर सवाल उठते रहते हैं कि वह मुसलमानों को चुनाव में टिकट नहीं देती है. इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने केरल में अब्दुल सलाम को खड़ा किया तो समुदाय के लोग ही उनके विरोधी हो गए. जी हां, मलप्पुरम लोकसभा सीट पर करीब 69 प्रतिशत वोटर मुस्लिम समुदाय से हैं लेकिन अब्दुल कहते हैं कि उनका अनुभव अच्छा नहीं है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिक्कल के पास एक गांव में लोगों से बातचीत करते हुए भाजपा उम्मीदवार को मुश्किल हालात से गुजरना पड़ा |
मुझे अपमानित किया क्योंकि…
वह मलप्पुरम शहर की मदीना मस्जिद में ईद की नमाज में भाग लेने गए थे. सलाम ने बताया, ‘नमाज के बाद मैं मस्जिद से बाहर आया और लोगों को ईद की मुबारकबाद दी. तभी 60 साल के एक बुजुर्ग ने मुझे अपमानित किया. आस पास के लोग खामोश बने रहे. मुझे खराब लगा. मैं भी एक मुस्लिम हूं लेकिन उन्होंने अपमानित करने की कोशिश की क्योंकि मैं भाजपा में हूं|
कौन हैं अब्दुल सलाम
अब्दुल सलाम एक जानेमाने शिक्षाविद और कालीकट विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हैं. सलाम ने बताया कि उन्हें न केवल अपने समुदाय के लोगों बल्कि मलप्पुरम में अपनी पार्टी के लोगों से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है |हालांकि सलाम पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसक हैं. वह अपने भाषणों में एनडीए सरकार की विकास परियोजनाओं की बातें करते हैं |
दो दिन पहले जब वह एक मीटिंग के सिलसिले में स्थानीय RSS नेता के घर गए तो उनके साथ केवल 25 लोग थे. उनमें भी आधे बच्चे थे |
अपनी स्पीच में सलाम ने भाजपा-संघ के गढ़ में प्रचार करने को लेकर निराशा जाहिर की. महिला मोर्चा के नेताओं के एक समूह ने उन्हें शाम को सम्मेलन में भाग लेने के लिए कहा, तो वह हिचकिचा रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं. जब स्थानीय भाजपा नेताओं ने कहा कि उन्हें इलाके के दो मंदिरों में जाना चाहिए तो सलाम बोल पड़े कि इस तरह की यात्राओं का क्या मतलब है? ये समय की बर्बादी है. यह कहते हुए वह अपने होटल के कमरे में लौट आए. हालांकि शाम को वह महिला सम्मेलन में शामिल हुए |