नई दिल्ली – मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव के भारत से रिश्ते खराब हुए हैं। यह अलग बात है कि तल्ख रिश्तों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वीपीय देश के प्रति नरमी बरती है और मानवीय सहायता उपलब्ध कराई है। बुधवार को भी ईद के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुइज्जू को शुभकामनाएं भेजी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, उनकी सरकार और देशवासियों को ईद-उल-फितर की बधाई दी और दोनों देशों के बीच पुराने समय से चले आ रहे सांस्कृतिक व सभ्यतागत संबंधों का भी जिक्र किया।
इस बीच, भारतीय पर्यटकों ने मालदीव से मुंह मोड़ लिया। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। वहां पर्यटन ही सबसे बड़ा उद्योग है। इस संकट से निपटने के लिए मालदीव अब फिर से भारतीय पर्यटकों को लुभाने में जुट गया है। मालदीव में भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के प्रयास में वहां के एक प्रमुख पर्यटन निकाय ने कई बड़े भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करने की योजना बनाई है।
मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स ने मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ इस योजना पर चर्चा की है और भारतीयों को लुभाने के अपने इरादे का खुलासा किया।
बता दें कि कुछ महीने पहले मालदीव के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार कर दिया था और होटल बुकिंग कैंसल करवा दी थी। कई मशहूर हस्तियों सहित भारतीय पर्यटकों ने मालदीव यात्रा रद्द कर दी थी। इसके बाद मालदीव का पर्यटन उद्योग संकट में आ गया। अब एक बार फिर से भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयासों में तेजी लाने की योजना बनाई गई है।
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत, जो पहले शीर्ष आगंतुक देशों में से एक था, विवाद के बाद पर्यटकों के मामले में छठे स्थान पर खिसक गया है, जबकि मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में चीन सबसे ऊपर है। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम, रूस, इटली और जर्मनी के सबसे ज्यादा पर्यटक मालदीव जा रहे हैं।
चीन समर्थक नेता कहे जाने वाले मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा था कि वह भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने का अपना चुनावी वादा पूरा करेंगे। मुइज्जू की इस घोषणा के बाद भारत और मालदीव के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद वहां के तीन मंत्रियों ने जब पीएम मोदी की आलोचना की तो भारतीयों ने मालदीव से मुंह मोड़ लिया था।