दक्षिणी दिल्ली- दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट राजधानी की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। इस सीट से जीतकर कई दिग्गज दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तो यहां के पूर्व प्रधानमंत्री को हार भी मिली।
इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को शिकस्त मिल चुकी है। उन्होंने इस सीट से वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्हें भाजपा के प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने 30 हजार मतों से हराया था।
वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में विजय कुमार मल्होत्रा को 2,61,230 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी डा. मनमोहन सिंह को 2,31,231 मत ही मिल सके थे। तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद शरीफ को महज 2,846 मत प्राप्त हुए थे।
विजय कुमार मल्होत्रा का मत प्रतिशत 21.51, मनमोहन सिंह का 19.04 और मोहम्मद शरीफ का 0.23 रहा था। उस समय दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें से आठ निर्दलीय प्रत्याशियों थे, इनमें मोहम्मद शरीफ, वेद प्रकाश, दिनेश जैन, घनश्याम दास, जनिस दरबारी, जोगिंदर सिंह, अशोक कुमार और खैराती लाल शामिल थे।
ये हैं 10 विधानसभा सीट
दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, कालका जी, तुगलकाबाद और बदरपुर विधानसभा सीटें आती हैं। इन 10 में से सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र बदरपुर भाजपा के पास है, बाकी नौ विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।
नौ बार जीत का स्वाद चख चुकी है भाजपा
दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर पहला चुनाव वर्ष 1967 में हुआ था। तब से अभी तक कुल 15 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से नौ बार भाजपा ने जीत का स्वाद चखा है। जबकि पांच बार कांग्रेस और एक बार जनता पार्टी को जीत मिली है।
2014 से भाजपा का कब्जा
दक्षिणी दिल्ली सीट पर वर्ष 2014 से भाजपा का कब्जा है। यहां से रमेश बिधूड़ी वर्ष 2014 और 2019 से यहां से दो बार सांसद रहे हैं। इस बार भाजपा और आप ने प्रत्याशी बदल दिए हैं। भाजपा ने विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी और आप-कांग्रेस गठबंधन ने विधायक सहीराम पहलवान पर दांव खेला है।