राष्ट्रपति भवन में आज भारत रत्न समारोह का आयोजन होगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पांच विभूतियों को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करेंगी. पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों पूर्व पीएम चौघरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ.एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाएगा. मेडल और प्रशस्ति पत्र इससे सम्मानित विभूतियों के परिवारजनों को सौंपा जाएगा |
कौन हैं कर्पूरी ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को भी आज भारत रत्न दिया जाएगा. रामनाथ ठाकुर अपने पिता के सम्मान को राष्ट्रपति के हाथों ग्रहण करेंगे. ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है. कर्पूरी ठाकुर साधारण नाई परिवार में जन्मे थे. कहा जाता है कि पूरी जिंदगी उन्होंने कांग्रेस विरोधी राजनीति की और अपना सियासी मुकाम हासिल किया. यहां तक कि आपातकाल के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद इंदिरा गांधी उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा सकी थीं|
जानिए चौधरी चरण सिंह के बारे में
चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. कानून में प्रशिक्षित चरण ने गाजियाबाद से अपने पेशे की शुरुआत की. वे 1929 में मेरठ आ गये और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए|
कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था. आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं. इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं. 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी |
पूर्व पीएम नरसिम्हा राव
राव लगातार आठ बार चुनाव जीते और कांग्रेस पार्टी में 50 साल से ज्यादा समय गुजारने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने. राव को भारत की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. वे भारत में आर्थिक उदारीकरण के जनक माने जाते हैं. वे 10 भाषाओं में बात कर सकते थे |
कौन थे एमएस स्वामीनाथन
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी में साल 1925 में हुआ था. स्वामीनाथन 11 साल के ही थे जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया. उनके बड़े भाई ने उन्हें पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया. उनके परिजन उन्हें मेडिकल की पढ़ाई कराना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत प्राणि विज्ञान से की |