गणेश शंकर विद्यार्थी जी के बलिदान दिवस पर मानवीय मूल्यों से समन्वित पत्रकारिता पर जोर
झांसी– पत्रकारिता जगत के पुरोधा अमर क्रांतिकारी श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी का 93 वां बलिदान दिवस पत्रकार भवन में समारोह पूर्वक आयोजित किया गया, जिसमें रिपोर्टिंग के साथ मानवीयता की दूरी पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकार/ साहित्यकारों ने विद्यार्थी जी को मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण आदर्श पत्रकार निरूपित किया।
अध्यक्षता करते हुए श्री गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता उन्नयन समिति (पंजी)के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया के क्षेत्र में भाषा और भावों की कमी चिंता का विषय है, जबकि क्षेत्रीय मीडिया आज भी विश्वसनीयता बनाए हुए हैं। विद्यार्थी जी के 25 मार्च 1931 को कानपुर में सांप्रदायिक तनाव के बीच हुए बलिदान को उन्होंने रचनात्मक पत्रकारिता का सर्वोच्च प्रतिमान बताते हुए कहा कि उनकी हत्या के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि विद्यार्थी जी जैसी मृत्यु बिरले ही प्राप्त करते हैं।
कार्य अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने झांसी को क्रांतिकारियों की शरण स्थली बताते हुए चंद्रशेखर आजाद, पंडित परमानंद ,मास्टर रुद्र नारायण, मैथिली शरण गुप्त, सदा शिवराव मलकापुलकर आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यार्थी जी मैथिलीशरण गुप्त व उस्ताद आदिल खां से मिलने झांसी आया करते थे।
उनके एक संबोधन का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जी के अनुसार अजान देना या शंख बजाना धर्म नहीं है, धर्म तो दिलों को जोड़ता है, जो सोई हुई इंसानियत को जगा दे वही धर्म है ।अतः ज़रूरी है कि धर्म के नाम पर हैवानियत को रोका जाए।
वरिष्ठ अधिवक्ता विमलेंदु अड़जरिया ने कहा कि उनके पिता श्री बालेंदु जी को विद्यार्थी जी ने प्रेरित कर स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा और उनकी कविताओं का प्रकाशन प्रताप में किया था।
उन्होंने कहा कि-
मरते देखा विलासिता पर हमने, यहां करोड़ को।
शान-वान पर मरते देखा है उनसे, कुछ थोड़ों को।।
स्वतंत्रता पर भी वीरों को जीवन बलि, करते देखा।
जिन पर मरे, मरे उनसे, ओ…! अमर तुम्हें मरते देखा।।
वक्ताओं में सर्वश्री सुदर्शन शिवहरे, सतीश चंद्र श्रीवास्तव एड, पं. अरुण द्विवेदी, डॉ. मनमोहन मनु आदि ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर श्रीमती साजिया खान, मीडिया क्लब के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, अशोक रतन सेल्स, जगदीश बाबू, अख्तर खान, भगवान दास प्रजापति, मुकेश सिंघल एड.विजय कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।
संचालन महामंत्री पंकज सक्सेना ने एवं आभार ज्ञापन अनन्जय नेपाली ने किया।