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मंदिरों का जीर्णोद्धार आवश्यक है उसी प्रकार समाज का जीर्णोद्धार भी जरूरी हैआचार्य सुनील सागर महाराज आचार्य विमल सागर महाराज के 72 वें दीक्षा दिवस पर हुआ गुणानुवाद

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जयपुर– जयपुर के पूर्वी सिंह द्वार स्थित अतिशय क्षेत्र चूलगिरी राणा जी की नसिया पर दिगंबर जैन आचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ का मंगल पदार्पण हुआ तो मंदिर समिति पदाधिकारीयों द्वारा भव्य अगवानी की गई तो वही आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि जिस प्रकार मन्दिरो व मानस्तम्भों का जीर्णोद्धार जरूरी है उसी प्रकार समाज का जीर्णोद्धार भी आवश्यक है जिससे युवाओं को सही दिशा मिल सके।

मन्दिर प्रांगण में आचार्य ने कहा कि जिस प्रकार दूध का मंथन होता है तब मक्खन की प्राप्ति होती है उसी प्रकार विचारों का मंथन होता है तभी नवनीत की प्राप्ति होती है उन्होंने चेताते हुए कहा की पुरखों के सद्गुणों को जानना भी चाहिए है और निभाना भी चाहिए, हमें पुरखों ने बड़ी सौगात प्रदान की है उनका संरक्षण संवर्धन होना अति आवश्यक कार्य है। लक्ष्मी भी पुण्य की दासी होती है अतः लक्ष्मी के पीछे नही पुण्य के पीछे लगो अर्थात पुण्य की क्रियायों में भी समय व्यतीत करो लक्ष्मी स्वयं चली आएगी। भक्ति करो फल मिलता है आज नहीं तो कल मिलता है।

इस अवसर पर उपाध्याय शशांक सागर महाराज ने भी सभा को संबोधित किया और कहा कि यह जयपुर नगरी का बड़ा ही पुण्य है जो स्वयं सागर चलकर पुनः यहां पधारे हैं। आगामी 3 अप्रैल को प्रथमेश भगवान आदिनाथ का जन्म कल्याणक संपूर्ण जैन समाज को धूमधाम के साथ मनाना चाहिए।

आचार्य विमल सागर महाराज दीक्षा दिवस

आचार्य विमल सागर महाराज के 72 वें दीक्षा दिवस पर आचार्य ने कहा कि कोसमा की धरती पर कटोरी से जन्मे सागर ने संपूर्ण भारत को जैनत्व का भान कराया तो विहारी लाल के पुत्र ने पद विहार कर अनेको तीर्थो की वंदना की। इस अवसर पर धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां ने भी विचार प्रकट करते हुए कहा कि प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ की जन्म जयंती का भी सरकार द्वारा अवकाश घोषित किया जाए।

जग्गा की बावड़ी के मंत्री सुनील बख्शी ने बताया कि प्रातः शांति कुमार ममता सोगानी के फार्म हाउस से जग्गा की बावड़ी के वासुपूज्य भगवान के दर्शन करने के बाद ख़ानिया पेट्रोल पम्प के पास मुनि संघ प्रबंध समिति द्वारा संघ का भव्य स्वागत व पंचामृत से पाद प्रक्षालन किया गया जिसमे ओम काला मुकेश जैन राजेश गंगवाल रमेश पाटोदी सहित धर्म जागृति संस्थान राजस्थान प्रान्त व जयपुर की विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही । सभी ने विहार में साथ चलकर, जयकारों के उद्घोष के साथ संघ का राणा जी की नसिया में मंगल प्रवेश कराया जहाँ आचार्य श्री ने सभी को आशीर्वाद दिया ।