- शहरवासियों को रहता है इंतजार, यहां के रंग में सराबोर होने का अलग ही अनुभव
- सुबह 10 बजे से होने लगता है जुड़ाव
- नाश्ता और भोजन की व्यवस्था
बिलासपुर- रंग का त्योहार होली के दिन अगर आप गोलबाजार नहीं गए और वहां के रंग में सराबोर नहीं हुए तो आपकी होली फीकी ही समझिए। जी हां। गोलबाजार की होली का रंग ही निराला है। अपने आप में अनूठा और लाजवाब। परंपरा को आज की युवा पीढ़ी भी उसी अंदाज में निभा रही है जैसे पहली की पीढ़ी ने दी है। गोलबाजार में होली की परंपरा बीते 55 साल से चली आ रही है। बुजुर्गों ने जो सीख दी और जिस उद्देश्य को लेकर उत्सव की शुरुआत की यह परंपरा आज भी जारी है।