कोरबा- लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीप इकाई द्वारा आगामी चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शहर के बुधवारी बाजार परिसर में स्वीप नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया गया। जिसमें आम नागरिकों के बीच अनिवार्य मतदान का संदेश देते हुए उनसे मतदान में शत-प्रतिशत भाग लेने के लिए शपथ दिलाई।
शासकीय ईवीपीजी कालेज तथा डाइट संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में विद्यार्थियों ने आगामी चुनाव के प्रति लोगों को सजग रहने, अनिवार्य एवं निष्पक्ष मतदान करने, प्रलोभन विहीन एवं भयमुक्त होकर सही व्यक्ति का चुनाव, मतदान प्रतिशत में वृद्धि आदि उद्देश्यों को ध्यान में रखकर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया और उपस्थित मतदाताओं से आग्रह किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आमजनों को सात मई मतदान के दिन को ना भूलकर, अनिवार्य रूप से निष्पक्ष मतदान को प्राथमिकता देने तथा आस-पास के अन्य लोगों को भी वोट देने के लिए प्रेरित किया गया।
महाविद्यालय के स्वीप नोडल अधिकारी एवं प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष बलराम कुर्रे ने उपस्थित मतदाता को बताया कि मतदान एक महादान है, हमारा एक वोट प्रत्याशी का भाग्य का बदल सकता है,प्रत्येक वोट का महत्व है, इसलिए हमें एक शिक्षित एवं जागरूक मतदाता बनकर अपना वोट देकर चुनाव आयोग के कार्य में सहभागिता देनी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कोरबा के व्याख्याता एवं स्वीप नोडल अधिकारी गौरव शर्मा ने संदेश देते हुए मतदाताओं से आग्रह किया कि चुनाव में एक -एक वोट महत्वपूर्ण होता है, एक वोट हमारा भाग्य बदल सकता है, इसलिए मतदान के दिन सब कार्यों में पहली प्राथमिकता मतदान को देना है एवं अनिवार्य रूप से मतदान करने जाना है।
महाविद्यालय के गृहविज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं एनएसएस अधिकारी अजय पटेल ने कहा कि हर मतदाता अपने बच्चे और परिवार के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर मतदान करें। हर एक वोट से देश की दशा और दिशा बदल सकती है इसलिए समय निकालकर मतदान के दिन अवश्य मतदान करें। महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष कन्हैया सिंह कंवर ने जन समुदाय से कहा कि मतदाता राष्ट्र का भाग्य निर्माता होते है, हमारा एक वोट सही व्यक्ति के चुनाव में महत्वपूर्ण होता है। यही सही व्यक्ति समाज एवं देश को विकास के पथ पर अग्रसर करता है इसलिए हमें मतदान के दिन अवश्य रूप से वोट देना है। दूसरों को वोट देने के लिये जागरूक करना है। यथा संभव वरिष्ठ एवं दिव्यांगजन की सहायता करना है।