रायपुर- नगर निगम राजस्व वसूली से फिर पीछे हो गया है। वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में 11 दिन ही शेष है और राजस्व वसूली महज 174 करोड़ रुपये ही पहुंचा है। ऐसे में अब निगम को टारगेट पूरा करने के लिए अब हर दिन लगभग 7 करोड़ रुपये की वसूली करनी होगी। इस बीच दो रविवार के साथ दो दिन होली की छुट्टी भी रहेगी। इससे निगम अफसरों और कर्मियों की चिंता बढ़ गई है।
इस वर्ष निगम ने 250 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी तक मात्र 174 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। जबकि पिछले वर्ष दो सौ 23 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई थी। अभी पिछले साल की तुलना में निगम 49 करोड़ रुपये पीछे चल रहा है। वहीं, अपने लक्ष्य को पाने के लिए निगम को 76 करोड़ की वसूली करनी बची है। निगम अधिकारी दलील दे रहे हैं कि समय से लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। इन 11 दिनों में होली की छुट्टी भी रहेगी। इससे टारगेट पूरा कर पाना मुश्किल है।
सीलबंदी और कुर्की की कार्रवाई जारी
निगम द्वारा सभी जोन के माध्यम से राजस्व वसूली की कार्रवाई की जा रही है। इसमें निगम सेंट्रल टीम सहित जोन के राजस्व अधिकारी बकायादारों के खिलाफ कुर्की और सीलबंदी की कार्रवाई लगातार कर रहे, लेकिन निगम का खजाना इसके बाद भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करता दिखाई नहीं दे रहा है। इसके लिए निगम आयुक्त के आदेश पर जोन कमिश्नर भी जुटे हुए हैं। ऐसे बकायादार जिनके द्वारा राजस्व भुगतान करने के लिए जान पहचान या पहुंच का उपयोग किया जाता है, उनके खिलाफ सक्षम अधिकारियों द्वारा सीधे तौर से कार्रवाई की जा रही है।
बड़े बकाएदारों को कर रहे टारगेट
निगम की राजस्व टीम के निशाने पर शहर के बड़े बकायदार हैं। निगम की टीम शहर के बड़े बकायादारों की जोन के अनुसार लिस्ट तैयार करके राजस्व वसूली कर रही है। इसके बाद भी राजस्व का भुगतान बकायादारों द्वारा नहीं किया जा रहा है।
राजस्व अधिकारियों का कहना है कि कुछ ऐसे बकायादार हैं, जिनसे वसूली के लिए अधिकारियों को कई बार चक्कर लगाना पड़ता है। बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी भुगतान नहीं करते हैं, तब इनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। अधिकारियों का कहना है कि राजस्व हर किसी को पटाना ही है, लेकिन समय पर नहीं पटाने पर उन्हें 17 प्रतिशत ब्याज के साथ टैक्स वसूला जाता है।