विदिशा– संत शिरोमणि आचार्य गुरूदेव विद्यासागरजी महाराज की समाधि के प्रसंग में दयोदय गौ संवर्धन केन्द्र उदयगिरि के१००८ भगवान श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनालय में दस दिवसीय जिनेन्द्र देव की आराधना का शुभ संयोग विदिशा नगर बासिओं को प्राप्त होंने जा रहा है। दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया आचार्य गुरूदेव के मंगल आशीर्वाद से भगवान श्री शीतलनाथ स्वामी के गर्भ जन्म तप और ज्ञान कल्याणक भूमी पर 2014 में दयोदय गौ संवर्धन केन्द्र की स्थापना हुई थी।आचार्य श्री कहते थे कि “दया धर्म का मूल है” जंहा जीवों के प्रति दया होती है वंही पर करूणा पलती है, जिस 56 वीघा भूमी पर भगवान श्री शीतलप्रभु का समवसरण मंदिर वनना था वह भूमी आज दया और करूणा का केन्द्र बनी हुई है जिसमें एक हजार से अधिक पशुओं का संरक्षण किया जा रहा है। परिसर में स्थापित भगवान मुनिसुव्रतनाथ स्वामी का जिनालय है। संचालक आकाश जैन ने बताया क्षेत्र के विकास और अधिक पशुओं का संरक्षण हो उसके लिये जन सहयोग की आवश्यकता है इसी क्रम में स परिवार सभी पधारे उसी बात को ध्यान में रखते हुये बाल उद्यान को व्यवस्थित किया गया है जिसमें नवीन झूले लगाये गये है, एवं भविष्य में उद्यान को और सुंदर बनाए जाने का प्रावधान है।प्रकृति की इस अनुपम धरोहर को भगवान की भक्ती एवं जन जन में जीव दया की भावना हो इस हेतु पूज्य गुरूदेव की स्मृति को संजोते हुये दिनांक 16 मार्च शनिवार को श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का ध्वजारोहण प्रातःकाल 9:30 बजे स्थानीय विधायक मुकेश टंडन के मुख्य आतिथ्य में किया जाऐगा एवं समस्त मांगलिक क्रिआऐं पंडित महेंद्र जैन के निर्देशन में होंगी 17 मार्च से 24 मार्च तक प्रातः7:15 से श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान होगा एवं प्रतिदिन सांयकाल नगर के विभिन्न जिनालयों में प्रतिदिन सांयकाल 7:30 से मंगल आरती एवं विनयांजली सभा होगी सभी स धर्मी वंधुओं से दयोदय गौ संवर्धन केन्द्र उदयगिरि, दि. जैन शीतल विहार न्यास टृस्ट एवं श्री सकल दि. जैन समाज समिति निवेदन करती है कि दया करुणा और धर्म का एक साथ लाभ उठाऐं।