ब्रेन ट्यूमर की मुश्किल सर्जरी अब आसान हो गई है. अब ये सर्जरी महज़ चंद मिनटों में मुमकिन है. पहले जहां सर्जरी में तीन से चार घंटों का वक्त लगता था, अब इसमें 30 मिनट ही लगेंगे. जैप एक्स जाइरोस्कॉपिक रेडियो सर्जरी प्लेटफार्म के दम पर ऐसा, अब ये अपोलो हॉस्पिटल्स में मुमकिन हो पाएगा. इस तकनीक को पूरे दक्षिण एशिया में पहली बार भारत के अपोलो अस्पताल में लॉन्च किया गया है.
जैप एक्स नाम की तकनीक सीधे तौर पर ट्यूमर को तोड़ने का काम करती है. इसमें न कोई दर्द और न ही इसका कोई दुष्प्रभाव है. कीमत भी उतनी ही जितनी पहले से हो रही परंपरागत सर्जरी में लगती थी. पुराने वक्त से चली आ रही ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी में मरीज़ को करीब चार से सात दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था, पर इस तकनीक के दम पर इलाज के बाद उस दिन ही मरीज़ घर वापस जा सकते हैं. इस नई तकनीक में मरीजों को एनेस्थीसिया देने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
इस मौके पर अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के अध्यक्ष डॉक्टर प्रताप चंद्र रेड्डी ने कहा कि नई तकनीक विकिरण के न्यूनतम जोखिम के साथ 30 मिनट में ही ब्रेन ट्यूमर का इलाज अब मुमकिन है. जैप एक्स की ये नई तकनीक पूरी तरह से प्रमाणित है.
वहीं, इस मौके पर मौजूद जैप सर्जिकल के संस्थापक और सीईओ प्रो जॉन आर एडलर ने बताया कि स्टीरियोटैक्टिक रेडियो सर्जरी पिछली शताब्दी की मेडिकल साइंस की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. मरीजों को अब सर्जिकल सर्जरी का अनुभव नहीं करना पड़ेगा. साथ ही बिना किसी चीरे और दर्द के उसी दिन अस्पताल से वापसी कर सकेगा.