रायपुर- पिछले वर्ष ही करदाताओं को एक बड़ी राहत देते हुए टैक्स छूट का दायरा बढ़ाकर सात लाख कर दिया गया है। यानि करदाताओं को सात लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, लेकिन क्या आप जानते है नौकरीपेशा के लिए यह छूट 50 हजार बढ़कर यानि 7.50 लाख तक मिलती है। करदाताओं को लेकिन रिटर्न भरते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा।
मालूम हो कि नया टैक्स रिजीम दो वर्ष पहले ही लागू हो चुका है,लेकिन सही मायनों में इसके दिन अब बदले है। नए टैक्स रिजीम को बाई डिफाल्ट लागू कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि आप अपने एचआर को यह नहीं बताते कि कौन सा रिजीम चुनना है तो बाई डिफाल्ट आपकी इनकम टैक्स गणना नए रिजीम से होने लगेगी। पुराने रिजीम से टैक्स भरना है तो आपको अपने अपने नियोक्ता को इसके बारे में बताना होगा।
ऐसे मिलेगी सात लाख की छूट
नए टैक्स रिजीम में टैक्स की सीधी छूट सात लाख रुपये होगी,हालांकि इस रिजीम में किसी भी तरह के निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी। इसे यह भी कहा जा सकता है कि ऐसे करदाता जो किसी भी प्रकार का निवेश नहीं करते,उन्हं सात लाख रुपये तक की अमादनी पर टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।
50 हजार ऐसे बचाएं
नए रिजीम में टैक्स छूट का दायरा सात लाख से ज्यादा बढ़ाने के लिए आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करना होगा। हर सैलरीज पर्सन को आयकर नियमों के अनुसार 50 हजार रुपये तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन के नाम पर छूट दी जाती है। आयकर रिटर्न भरते समय अगर आप नयाटैक्स रिजीम छुन रहे है तो आइटीआर भरते समय स्टैंडर्ड डिडक्शन को क्लेम करना मत भूलना।
इससे ज्यादा है कमाई तो
अगर किसी की सालाना आमदनी 7.5 लाख रुपये से ज्यादा है और वह बचत के विकल्प अपना रहा है तो उसे नए टैक्स रिजीम से दूर ही रहना चाहिए। मालूम हो कि पुरानी रिजीम में टैक्स छूट पांच लाख रुपये तक है। इससे ज्यादा की आमदनी पर निवेश के रूप में टैक्स बचाना पड़ता है।
इसे ऐसा भी कह सकते है कि बढ़ती महंगाई में जो निवेश नहीं कर पाते, उन्हें नया रिजीम अपनाना चाहिए। इसमें 7.5 लाख की टैक्स छूट लेने के बाद भी अगर आपकी आमदनी ज्यादा है तो उस पर टैक्स की दर कम लगेगी। साथ ही नए रिजीम में तीन लाख रुपयेतक टैक्स निल रखा गया है।