- ई-वे बिल जांचने राज्य की सीमा पर जीएसटी टीम तैनात
- बिना ई चालान के ई-वे बिल जेनरेट नहीं किया जा सकता
रायपुर। मार्च का महीना शुरू होते ही अब जीएसटी का नया नियम लागू हो चुका है। इसके तहत बिना ई चालान के ई-वे बिल जेनरेट नहीं किया जा सकता। इसके चलते अब जीएसटी अधिकारियों की स्पेशल टीम भी राज्य के विभिन्न बार्डरों के चप्पे पर तैनात हो गई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन दिनों लगातार कारोबारियों को बकाया टैक्स जमा करने नोटिस जारी किया जा रहा है। साथ ही छापामारी भी की जा रही है। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्रीय जीएसटी को 16,149 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला है।
रेलवे स्टेशन में की गई जांच
जीएसटी की टीम द्वारा मंगलवार को रेलवे स्टेशन में जांच की गई। बताया जा रहा है कि जीएसटी अधिकारियों द्वारा स्टेशन में बक्सों की जांच की जा रही है,हालाकि अभी तक यह नहीं पता चला है कि इन बाक्सों में क्या है। इसके साथ ही सामान के बिल की जांच की जा रही है।
माहभर में 30 से ज्यादा कारोबारियों के ठिकानों पर हुई कार्रवाई
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग टैक्स चोरी रोकने के लिए लगातार टैक्स चोरों पर कार्रवाई कर रही है। माहभर में प्रदेश के 30 से ज्यादा कारोबारियों के ठिकानों पर सर्वे किया जा चुका है। साथ ही प्रिवेंशन टीम द्वारा भी लगातार जांच की जा रही है। सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष के दौरान जनवरी से लेकर मार्च तक विभाग को सर्वाधिक टैक्स मिलता है।
प्रतिमाह औसतन 1,279 करोड़ का टैक्स
जीएसटी विभाग को इस वित्तीय वर्ष में प्रतिमाह औसतन 1,279 करोड़ रुपये का टैक्स मिला है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हर महीने आ रही ग्रोथ को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस वर्ष लक्ष्य से ज्यादा वसूली होगी। मालूम हो कि सेंट्रल जीएसटी में प्रदेश के करीब 65,000 कारोबारी रजिस्टर्ड हैं।
– जीएसटी के नए नियमों के अनुसार अब बिना ई चालान के ई-वे बिल जारी नहीं हो सकते l
– 25 दिनों में लगभग 2,000 करोड़ से ज्यादा का लक्ष्य पूरा करने में जुटी सेंट्रल जीएसटी l
– अप्रैल 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक 12,792 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन।