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अगर नहीं किया ये काम तो महतारी वंदन योजना की पहली किस्त से वंचित हो सकती हैं आप, आज जारी होगी अंतिम सूची

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HIGHLIGHTS

  • महतारी वंदन योजना : अंतिम सूची जारी करने की तैयारी
  • दावा आपत्तियों के निराकरण में देर शाम तक जुटे रहे अधिकारी

रायपुर – छत्‍तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से महतारी वंदन योजना लागू की गई है। यह योजना एक मार्च से लागू हो जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 21 वर्ष और उससे ऊपर की आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। प्रदेश की समस्त पात्र विवाहित, विधवा, परित्यक्ता महिला को इस योजना के अंतर्गत प्रतिमाह एक हजार रुपये दिया जाने का प्रविधान है।
प्रथम चरण में 70 लाख से अधिक आवेदन जमा हुए है। इसके लिए 21 से 25 फरवरी तक दावा-आपत्ति मंगाई गई थी। प्रदेशभर से 14 हजार से ज्यादा दावा आपत्तियांं आई हैं, इसके निराकरण के लिए अंतिम दिन गुरूवार को देर शाम तक अधिकारी जुटे हुए थे। आपत्तियों के निराकरण की प्रक्रिया 26 फरवरी से शुरू की गई थी।

आज जारी होगी महतारी वंदन योजना की अंतिम सूची

महतारी वंदन योजना की अंतिम सूची का प्रकाशन एक मार्च की देर शाम या फिर दो फरवरी को जारी होगी। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा संख्या में दावा-आपत्तियां आई है, जिनका निराकरण किया जा रहा है। आनलाइन के अलावा आफलाइन आवेदन जमा हुए हैं। आफलाइन आवेदनों को लेकर भी काफी आपत्तियां मिली हैं।

बताते चलें कि महतारी वंदन योजना की अंतिम सूची का प्रकाशन एक मार्च को तय है। स्वीकृति पत्र पांच मार्च को जारी होगा। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पहली किस्त जारी होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेशभर में रायपुर से सबसे अधिक 5,30,903 आवेदन जमा किए गए हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवेदनों के सत्यापन के बाद प्रथम बार डीबीटी के माध्यम से आधार लिंक बैंक खातों में राशि जारी की जाएगी। प्रथम चरण के बाद फिर से अगले चरण में पात्र हितग्राहियों को आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह प्रक्रिया सतत चलती रहेगी।

पहली किस्त से वंचित हो सकती हैं महिलाएं

महतारी वंदन के लिए आवेदन करने वाली लाखों महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं है, जिससे राशि ट्रांसफर करने में दिककत आ सकती है। रायपुर जिले में ही डेढ़ लाख महिलाओं के खाते आधार से लिंक नहीं हुए हैं। आधार से खाते लिंक नहीं होने से महिलाएं पहली किस्त से वंचित हो सकती हैं।