HIGHLIGHTS
- रंगों का यह त्योहार हर साल फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
- इस साल होली के पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है।
- फाल्गुन माह की पूर्णिमा 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे शुरू होगी, जो 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे खत्म होगी।
इंदौर। हिंदू धर्म में हर साल होली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। रंगों का यह त्योहार हर साल फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल होली के पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार, होली की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, इस बारे में जानकारी दे रहे पंडित प्रभु दयाल दीक्षित।
कब मनाया जाएगा होली पर्व
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, पंचांग में ग्रह दशा की स्थिति के अनुसार देखा जाए तो फाल्गुन माह की पूर्णिमा 24 मार्च को सुबह 9:54 बजे शुरू होगी, जो 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे खत्म होगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च, रविवार को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:13 बजे से 12:27 बजे तक है। यानी होलिका दहन के लिए कुल समय 1 घंटा 14 मिनट तक का होगा। उदया तिथि के अनुसार, होलिका दहन 24 मार्च को होगा और धुलेंडी 25 मार्च को खेली जाएगी।
होलिका दहन की पूजा
होलिका दहन के लिए तैयारी भी एक सप्ताह पहले ही शुरू कर दी जाती है। होलिका की पूजा के लिए गोबर से होलिका और प्रहलाद की मूर्तियां तैयार की जाती है। इस दौरान पूजन में चावल, फूल, कपास, फूलों की माला, हल्दी, मूंग, गुलाल, नारियल, बताशा आदि चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए।
पूजा के बाद होलिका की परिक्रमा लगाई जाती है। होलिका दहन को लेकर पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को बहन होलिका के जरिए जिंदा जलाना की कोशिश की थी, लेकिन प्रहलाद की भक्ति की जीत हुई और होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन की परंपरा लगातार चली आ रही है।
डिसक्लेमर
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