25 फरवरी 2024
अब स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी हैं. अब बच्चे किताब खोलकर दे सकते परीक्षा। स्कूली ओपन बुक परीक्षा, एक ऐसा परीक्षा है जिसमें बच्चों को किताबों को बंद करके नहीं बल्कि किताब खोलकर परीक्षा देनी होगी. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की सीबीएसई10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. वह यह कि सीबीएसई ओपन बुक परीक्षा के कॉन्सेप्ट पर विचार कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सीबीएसई पिछले साल जारी नए नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) में उल्लिखित सिफारिशों के अनुरूप, कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों के लिए ओपन बुक परीक्षा (OBE) पर विचार कर रहा है.
बोर्ड ने साल के अंत में अपने चुनिंदा स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट का परीक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है. ये परीक्षण कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए इंग्लिश, मैथमेटिक्स, साइंस और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए इंग्लिश, मैथ और बायोलॉजी जैसे विषयों को कवर करेंगे. इस प्रयोग में छात्रों द्वारा लिए गए समय और एग्जाम में उनके प्रदर्शन के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा.
क्या है ओपन बुक परीक्षा
ओपन-बुक परीक्षा में, छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, पाठ्यपुस्तकें, या अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होगी. यह परीक्षा छात्रों के ज्ञान का नहीं बल्कि छात्रों की विषयों की समझ का मूल्यांकन करने की एक नई पद्धति है. जो पारंपरिक बंद किताब प्रारूप के विपरीत, खुली किताब परीक्षाएं छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देते समय स्टडी मैटिरियल, नोट्स और अन्य उपयोगी स्रोतों का संदर्भ लेने की अनुमति देती हैं.
नवंबर-दिसंबर तक टेस्ट रन
इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित करने का प्रस्ताव है और अपने अनुभव के आधार पर सीबीएसई बोर्ड यह तय करेगा कि कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए उसके सभी स्कूलों में मूल्यांकन के इस रूप को अपनाया जाना चाहिए या नहीं. यह पायलट छात्रों के उच्च-स्तरीय सोच कौशल, एप्लीकेशन, एनालिसिस, क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंक और प्रॉब्लम सॉल्विंग की क्षमताओं का आकलन करने पर फोकस होगा.
जून तक ओपन बुक परीक्षा पायलट के डिजाइन और विकास को पूरा करने की योजना बना रहा है और इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय से परामर्श करने का फैसला किया है. डीयू ने अगस्त 2020 में कोविड महामारी के दौरान जब शैक्षणिक कैलेंडर डिस्टर्ब हो गया था तब ओपन बुक टेस्ट की शुरुआत की थी, हालांकि इसका काफी विरोध हुआ था