गौरतलब है कि वार्षिक परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन के बाद कालेजों में हार्ड कापी जमा करवा रहे थे, जिसका छात्रों ने विरोध किया। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हार्ड कापी जमा नहीं करवाने के निर्देश जारी कर दिए। कालेज प्रबंधन का कहना है कि बड़ी संख्या में आवेदन पत्र मिला है। स्टाफ की कमी और कंप्यूटर सिस्टम भी कम होने के कारण आनलाइन वेरिफिकेशन करने में परेशानी हो रही है। छात्रों के द्वारा हार्ड कापी जमा करने पर अन्य शिक्षक भी आवेदन को जांच कर लेते थे। सिर्फ आवेदनों को अप्रूव करना पड़ता था, जिससे देरी नहीं होती थी। अभी आवेदनों को जांचकर अप्रूव करना है, इस वजह से दिक्कत हो रही है।
एक लाख 40 हजार से ज्यादा छात्र देंगे परीक्षा
विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में एक लाख 40 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा में नियमित से ज्यादा स्वाध्यायी परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बीए, बीएससी, बीकाम समेत अन्य कक्षाओं में 60 हजार नियमित विद्यार्थी परीक्षा देंगे। वहीं लगभग 80 हजार से ज्यादा विद्यार्थी स्वाध्यायी के रूप में हिस्सा ले रहे हैं।
दो महीने से ज्यादा चलेंगी बीए, बीएससी की परीक्षाएं
पांच मार्च से शुरू हो रही विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में बीए, बीएससी की परीक्षाएं सबसे ज्यादा दिनों तक चलेंगी। बीएससी की परीक्षा पांच मार्च से शुरू होकर 15 मई तक चलेगी। वहीं बीए की परीक्षा पांच मार्च से 16 मई तक चलेगी। प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं पांच मार्च से शुरू हो रही हैं, वहीं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 15 मार्च से शुरू होंगी। एमए राजनीति विज्ञान की परीक्षा 10 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलेगी। इसी तरह एमए इतिहास 15 अप्रैल से सात मई तक, एमए समाजशास्त्र की परीक्षा 15 अप्रैल से आठ मई तक, एमए अर्थशास्त्र की परीक्षा 10 अप्रैल से लेकर एक मई तक और एमकाम की परीक्षा 15 अप्रैल से शुरू होकर 18 मई तक चलेगी।
दो पालियों में होंगी परीक्षाएं
विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में बड़ा बदलाव किया गया है। अभी तक तीन पालियों में परीक्षाएं होती थीं, लेकिन इस बार दो पालियों में आयोजित होंगी। प्रथम पाली सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक चलेगी। वहीं दूसरी पाली दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगी।