एम्स के न॓ए निदेशक अशोक जिंदल की दैनिक विश्व परिवार से भेंट वार्ता
रायपुर- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ के रूप में कार्यभार ग्रहण करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल श्री अशोक जिंदल ने आज पत्रकार वार्ता में अपने उद्गगार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संस्थान में आने वाला प्रत्येक मरीज हमारे लिए महत्वपूर्ण है एवं उसकी सर्वोत्तम चिकित्सा सेवा के लिए एम्स पूरी तरह कटिबद्ध है ।
अपने पद का दो दिन पूर्व ही कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने कहा कि रायपुर एम्स की वर्तमान में चल रही चिकित्सा सेवाएं काफी हद तक संतोषजनक है । मरीज की चिकित्सा सुचारू रूप से संचालित है । अस्पताल में सफाई व्यवस्था काफी उत्कृष्ट है । यहां का स्टाफ साथ ही साथ आने वाले मरीज एवं आमजन बहुत ही सरल स्वभावी है जिससे उन्हें आनंद का अनुभव हो रहा है ।
आपने कहा कि रायपुर एम्स के नवीन चरण के रूप में नया रायपुर में स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की स्थापना शीघ्र किया जाना प्रस्तावित है जिससे चिकित्सा के क्षेत्र में नए स्वरूप हो सकेगा ।
एक प्रश्न के उत्तर में आपने यह भी का की रायपुर एम्स में लिवर ट्रांसप्लांट जैसी बड़ी सर्जरी के प्रोग्राम बनाने पर भी विचार विमर्श चल रहा है ।
आपने कहा कि एम्स रायपुर में फैकल्टी की कमी है जिनको बढाई जाने के लिए भी हर संभव प्रयास उनके स्तर पर किए जाएंगे ।
हाल 2 वर्ष पूर्व कोविड के प्रकोप और वर्तमान परिवेश पर प्रकाश डालते हुए हुए श्री जिंदल ने कहा कि कॉविड का खराब प्रभाव अब शेष नहीं रह गया है । जिसके 2 मुख्य कारण है । देशवासियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी हद तक सुदृढ़ हुई है इसके अलावा भारत सरकार द्वारा जो टीकाकरण का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम चलाया गया उससे देशवासी कोविड से काफी हद तक सुरक्षित हो गए हैं । आपने कहा कि भारत सरकार द्वारा जो टीकाकरण का अभियान देश में चलाया वह पूरे विश्व में एक मिसाल रहा है ।
आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली के पूर्व निदेशक और कमांडेंट पद पर अपनी सेवाएं दे चुके श्री जिंदल ने कहा कि उनका यह प्रयास होगा कि एम्स रायपुर की सेवाएं भारतवर्ष की अन्य एम्स के समानुरूप की जाए ।
देश के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देने के पश्चात रायपुर एम्स के कार्यकारी कार्यपालक निदेशक पद पर कार्यभार ग्रहण करने वाले श्री अशोक जिंदल पत्रकार वार्ता के दौरान मरीजों की सेवा के प्रति काफी संवेदनशील दिखे । उन्होंने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि सभी चिकित्सकों को मरीज से बहुत सौम्य व्यवहार करना चाहिए चाहिए उन्हें मरीज के प्रति संवेदना का भाव रखना चाहिए । उन्हें मरीजों की स्वस्थ करने में बेस्ट हेल्थ केयर के भाव रखना चाहिए ।
वार्ता मे उन्होंने यह भी अपील की कि एम्स देश के बड़े अस्पतालों में हैं जो क्रॉनिक मरीज है जिनके लिए सभी जगह उपयुक्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं है उन्हें एम्स की सुविधा अवश्य प्राप्त करनी चाहिए । छोटी-मोटी बीमारियों के लिए अन्य चिकित्सीय संस्थाओं की सेवाओं का लाभ लिया जाना उचित है । हालांकि उन्होंने कहा कि एम्स किसी भी मरीज को इनकार नहीं करता सभी को देखता है फिर भी जनसाधारण की उचित सोच इस दिशा में होनी चाहिए । उन्होंने हंसी मजाक के लहजे में कहा कि “जिन पेशेंट को बहुत अधिक अर्जेंसी नहीं है उन्हें पेशेंस रखना चाहिए”।
खानपान की बिगड़ी हुई परिस्थितियों के कारण बढ़ रही बीमारियां कैंसर और कम आयु में मृत्यु हो जाने की शिकायतों पर आपने कहा कि हमें मोटा अनाज खाना चाहिए । मोटे अनाज को भोजन में वरीयता देना चाहिए साथ ही शारीरिक व्यायाम को अवश्य ही जीवन शैली में शामिल किया जाना चाहिए । आज बच्चे कोचिंग मोबाइल टीवी में उलझ गए हैं जबकि उनकी उनका शारीरिक तंदुरुस्ती प्रदान करने वाली खेलकूद में अपना समय देना चाहिए जिससे वे स्वस्थ होंगे और देश भी स्वस्थ होगा । आपने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की रिसर्च हो सके उसके लिए कोशिश की जाएगी । एम्स के ट्रामा यूनिट को भी मजबूत किया जाएगा ।
जब आपका ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया कि आर्थो के मरीजों को तत्काल एक्सरे की आवश्यकता होती है और उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है अतः निकट ही एक्सरे की मशीन स्थापित कराई जाए इस पर उन्होंने विचार करने का आश्वासन दिया । उल्लेखनीय की श्री अशोक जिंदल ने हाल ही में जब डीन एवं अधिकारियों के साथ बैठक की तो उन्होंने रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रेषित प्रेषित किया था ।
श्री अशोक जिंदल के कार्यभार ग्रहण करने से एम्स में कुछ नए अध्याय प्रारंभ होने की किरण दिखाई दे रही है ।
— प्रदीप जैन, संपादक