रायपुर। Rajim Kumbh 2024: माघ पूर्णिमा पर छत्तीसगढ़ के कई प्रसिद्ध स्थानों पर मेले का आयोजन होगा। राजधानी रायपुर स्थित खारुन नदी के किनारे महादेव घाट, प्रसिद्ध तीर्थ राजिम त्रिवेणी संगम, धमतरी के रुद्रेश्वर, राजनांदगांव मोहारा में मेले का आयोजन होगा। इसकी तैयारी चल रही है। इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को मनाई जाएगी। वहीं महाशिवरात्रि आठ मार्च को है। इन जगहों में हर साल की तरह माघ पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ेंगे। यहां अलग-अलग जिलों, प्रांतों के लोग भी शामिल होते है।
महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि हर माह पड़ने वाली पूर्णिमा का अलग-अलग महत्व होता है। पूर्णिमा तिथि को पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। माघ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान और दान करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघी पूर्णिमा के दिन सत्संग और कल्पवास कर पुण्य लाभ लेने का वर्णन है। माघ में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन शाही स्नान किया जाता है। आइए जानते हैं राजिम कुंभ से जुड़ी जानकारी।
राजिम कुंभ 2024 में बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
खारुन नदी के किनारे महादेव घाट में हर साल की तरह भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा। यहां झूले लेकर कई तरह की दुकानें सजेंगी। बताया जाता है कि मेले का आनंद और नदी में स्नान करने के लिए रायपुर के अलावा भिलाई-दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा आदि जिलों के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आते हैं। जहां स्नान करने के बाद श्रद्धालु प्रसिद्ध हटकेश्वर नाथ के दर्शन कर पूजा-पाठ करने की परंपरा निभाते हैं। खास है कि माघ पूर्णिमा के एक दिन पहले यहां श्रद्धालुओं का पहुंचाना शुरू हो जाता है। देर शाम तक मेला घूमकर वापस लौट जाते है। यहां स्नान, पूजा के साथ श्रद्धालुओं ने खारुन नदी में नौकायन का आनंद ले सकते हैं।
पुण्य में होती है वृद्धि
हटकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारियों के अनुसार माघ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य में वृद्धि होती है। इसी मान्यता के चलते स्नान करके श्रद्धालु हटकेश्वर महादेव की पूजा और खारुन नदी के उस पार स्थित भगवान भोलेनाथ की 20 फीट ऊंची प्रतिमा के दर्शन करते है।
माघ पूर्णिमा पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुआं जैसे जल स्रोत पर स्नान करें। यदि ऐसा संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
इस बार राजिम कुंभ कल्प, 15 दिनों तक रहेगी मेले की धूम
राजधानी से 45 किमी दूर त्रिवेणी संगम राजिम में 15 दिनों तक मेले की धूम रहेगी। पिछले साल मेले को पुन्नी मेला नाम दिया गया था। इस बार राजिम कुंभ कल्प है। 24 फरवरी को राजिम कुंभ कल्प का शुभारंभ होगा। चार मार्च को संत समागम शुरू होगा। आठ मार्च को महाशिवरात्रि के दिन राजिम कुंभ का समापन होगा। कुंभ में छत्तीसगढ़ी कलाकारों के साथ राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय कलाकार शामिल होंगे। इस बार शासन और प्रशासन ने भजन, गायन के जरिए राजिम कुंभ की महिमा को पूरे देश में फैलाने की तैयारी की है।