रायपुर। जेल में बंद सूदखोर, गुंडा बदमाश रोहित तोमर और उसके भाई रूबी सिंह तोमर के अकाउंटेंट वेद प्रकाश सिंह उर्फ योगेश सिन्हा को पांच वर्ष बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह इनकी अवैध कमाई का लेखा-जोखा रखता था। आरोपितों ने एक ज्वेलरी व्यापारी पांच लाख का कर्ज दिया था, जिसके बदले दो करोड़ पांच लाख की वसूली कर रहे थे। तोमर बंधुओं के वर्चस्व को देखते हुए पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल रही थी, जबकि वे वर्षों से रायपुर में रह रहे थे। गोली कांड के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह है मामला
जामा मस्जिद के सामने हलवाई लाइन निवासी जय कुमार बदलनी ने सिटी कोतवाली रायपुर में पांच वर्ष पहले लिखित शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि रोहित सिंह तोमर और रूबी तोमर से अपनी ज्वेलरी दुकान के लिए पांच लाख रुपये ब्याज में कर्ज लिया था। उन्होंने तत्काल ब्याज के तौर पर 1,75,000 रुपये जमा कर दिया था। बाकी तीन लाख 25 हजार रुपये किस्तों में दिया गया।
इसके बाद तोमर बंधु लगातार 5000 रुपये ले जाते थे, जिसका हिसाब करने के लिए कहने पर अभी और पैसा है कर चले जाते थे। सोना खरीदने पर कुछ रकम देकर बाकी हिसाब में जोड़ देना कहा जाता था। इसके बाद सूदखोरों ने बताया कि दो करोड़ पांच लाख रुपये हिसाब में हैं। पैसे नहीं देने पर बेटे को जान से मारने की धमकी देने लगे तब वह थाने पहुंचे।
प्रकरण में पांच आरोपित रोहित सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह तोमर, रोहित उर्फ रूबी सिंह तोमर, कमल नारायण कुर्रे, विनोद चौरसिया और आर्यन उर्फ संतोष हबलानी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपित वेद प्रकाश सिन्हा फरार चल रहा था। दूसरे प्रकरण में बूढ़ापारा निवासी जया कच्छावा ने लिखित में शिकायत की कि रोहित सिंह तोमर, रूबी सिंह तोमर, वेद प्रकाश सिंह द्वारा पैसा मांगने, ब्लैकमेल करने, गाली-गलौज, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जांच में शिकायत सही पाने पर अपराध दर्ज किया गया।
रोहित पर एक और केस दर्ज, तीन लाख का वसूला 30 लाख
सूदखोरी का एक और मामला रोहित तोमर पर दर्ज किया गया है। गुढ़ियारी थाने में आरोपित रोहित और योगेश सिंह पर कर्ज एक्ट, मारपीट, अपहरण सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोपित रोहित तोमर क्लब में हुए गोली कांड के आरोप में जेल में बंद है। गुढ़ियारी थाने में रामनगर निवासी रामकुमार गुप्ता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई।
प्रार्थी ने बताया कि तीन वर्ष रोहित तोमर से तीन लाख रुपये कर्ज के रूप में लिए था। इसके बदले में वह अब तक 30 लाख रुपये ले चुका है, इसके बाद भी लगातार पैसे की मांग की जा रही थी। वहीं, पैसे नहीं होने पर कई बार सोने के जेवर भी आरोपित लेकर गए हैं। प्रार्थी ने बताया कि कई बार जब उसने देने के लिए मना किया तो उनके गुंडों घर पहुंच कर मारपीट की । इसके अलावा अपने साथ जबरन बैठाकर ले गए। वहां मारपीट और जान से मारने की धमकी देकर छोड़ दिया गया।