Home खेल शुभमन गिल के दुश्मन हैं उनके हाथ, इलाज तो कराना ही पड़ेगा

शुभमन गिल के दुश्मन हैं उनके हाथ, इलाज तो कराना ही पड़ेगा

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विशाखापट्टनम टेस्ट में जब शुभमन गिल के बल्ले से शतक निकला तो दुनिया ये कहने लगी कि अब इस खिलाड़ी की वापसी हो चुकी है. गिल फॉर्म में आ चुके हैं. लोग इसलिए भी ये बातें कह रहे थे क्योंकि शुभमन का ये शतक दूसरी पारी में आया था और ये काम करना इतना आसान नहीं होता. लेकिन राजकोट आते-आते शुभमन गिल का बल्ला एक बार फिर उनसे रूठ गया. तीसरे टेस्ट की पहली पारी में गिल क्रीज पर आए और वो 9 गेंदों के बाद ही पवेलियन लौट गए. गिल खाता तक नहीं खोल सके. गिल के आउट होने के बाद एक बार फिर लोगों के जेहन में सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर क्यों शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में लगातार बड़ी पारियां नहीं खेल पा रहे, जबकि उनके अंदर टैलेंट कूट-कूटकर भरा है. आइए आपको देते हैं इसका सीधा और सरल जवाब.

शुभमन गिल की कमजोरी उनके हाथ हैं

शुभमन गिल की सबसे बड़ी कमजोरी उनके हाथ हैं. जी हां चौंकिए नहीं, दरअसल शुभमन गिल अपने बैट को काफी ज्यादा टाइट पकड़ते हैं, जिसकी वजह से उनका बैट काफी तेजी से नीचे की ओर आता है. वनडे और टी20 क्रिकेट में तो इस तरह की हैंडग्रिप चल जाती है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में ये बल्लेबाज को नुकसान देती है खासतौर पर अगर वो टॉप ऑर्डर का बैट्समैन हो. गिल का दांया हाथ बैट पर काफी सख्त रहता है और यही वजह है कि वो कट और पुल शॉट्स तो बेहतरीन खेलते हैं लेकिन जब गेंद शॉर्ट ऑफ गुड लेंग्थ पर होती है तो उनका डिफेंस कमजोर नजर आता है.

दिनेश कार्तिक ने भी खड़े किए सवाल

राजकोट टेस्ट में शुभमन गिल का विकेट तेज गेंदबाज मार्क वुड ने लिया. वुड की बाहर जाती गेंद को गिल ने डिफेंड करने की कोशिश की लेकिन गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर बेन फोक्स के ग्ल्वज़ में समा गई. गिल के आउट होने के बाद मैच में कमेंट्री कर रहे दिनेश कार्तिक ने बताया कि आखिर क्यों गिल इस तरह आउट हुए. कार्तिक ने भी यही बात कही कि गिल का बॉटम हैंथ काफी हार्ड रहता है और इसपर उन्हें काम करना होगा.

सॉफ्ट बॉटम हैंड से क्या फायदा?

आइए अब आपको बताते हैं कि सॉफ्ट बॉटम हैंड से फायदा क्या होता है? अगर बल्लेबाज बैट को बॉटम हैंड से हल्का पकड़े तो उसके स्लिप या विकेट के पीछे आउट होने की आशंका कम रहती है. अगर गेंद कुछ हरकत करती है तो बल्लेबाज नीचे वाले हाथ को हटाकर बल्ले पर लगने के बावजूद गेंद की रफ्तार धीमी कर सकता है. आपने देखा होगा कि कई बार गेंद बल्लेबाज के बैट से लगकर स्लिप या विकेटकीपर तक जाने की बजाए पहले ही नीचे गिर जाती है. ये अकसर हल्के या सॉफ्ट बॉटम हैंड की वजह से होता है. सचिन तेंदुलकर, एबी डिविलियर्स, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने जैसे दिग्गज बल्लेबाजों का बॉटम हैंड हमेशा सॉफ्ट रहता था और यही वजह है कि ये बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में इतने सफल हो पाए. अब अगर शुभमन गिल को टेस्ट क्रिकेट में सफलता के झंडे गाड़ने हैं तो उन्हें अपने हाथों पर काम करना होगा.

टेस्ट क्रिकेट में गिल का लचर प्रदर्शन

शुभमन गिल अबतक 23 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, उनके बल्ले से 3 शतक भी निकले हैं लेकिन इसके बावजूद उनका बैटिंग औसत 30.79 है. ये किसी भी टॉप ऑर्डर बल्लेबाज के लिए बेहद खराब आंकड़ा है. गिल की इतनी खराब बैटिंग एवरेज इसलिए है क्योंकि वो लगातार रन नहीं बना पा रहे हैं. गिल छोटे से टेस्ट करियर में 4 बार 0 पर आउट हो चुके हैं. 9 बार वो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए. पचास रनों का आंकड़ा उन्होंने चार ही बार हासिल किया. गिल की परफॉर्मेंस अगर ऐसी ही रही तो यकीन मानिए आपको ये बल्लेबाज जल्द टेस्ट टीम से बाहर नजर आएगा.