पेटीएम दिन काफी खराब चल रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक्शन के बाद तो जैसे पेटीएम पहाड ही टूट पड़ा हो. शेयर लगातार गिर रहे हैं. अब लोग पेटीएम का इस्तेमाल करने से भी डर रहे हैं. ऐसी परिस्थितियों में बाकी पेमेंट वॉलेट की चांदी हो गई है. फोनपे से लेकर गूगल पे और बाकी वॉलेट को यूजर्स की ओर डाउनलोड किया जा रहा है. दूसरे वॉलेट के डाउनलोड करने 76 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल चुका है.
वैसे पेटीएम और आरबीआई के बीच पेटीएम के यूपीआई को थर्ड पार्टी पर करने की बातचीत चल रही है. जब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कंपनी को काफी डेंट पड़ चुका होगा. खास बात तो ये है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम का वॉलेट पूरी तरह से बंद हो जाएगा. यहां तक कि यूपीआई पर भी संकट आने की संभावना है. इसका प्रमुख कारण ये है कि यूपीआई सर्विस भी पेटीएम पेमेंट बैंक के पास थी, जिस पर आरबीआई की ओर से एक्शन लिया गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि पेटीएम पर जब से कार्रवाई हुई है, तब से दूसरे वॉलेट की चांदी कैसे हो गई है.
गूगलपे, फोनपे के डाउनलोड में इजाफा
पेटीएम क्राइसिस के बाद से सबसे बेनिफिट फोनपे को हुआ है. जी हां, इसका आंकड़ा भी मौजूद है. ऐप इंटेलीजेंस प्लेटफाॅर्म ऐपट्वीक के आंकड़ों की मानें तो 31 जनवरी से बाद से अब तक फोनपे के डाउनलोड में 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. आंकड़ों के अनुसार करीब एक हफ्ते में गूगल और एपल प्ले स्टोर से फोनपे को 3.75 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड हो चुका है. वहीं दूसरी ओर गूगलपे के डाउनलोड में इस दौरान 14 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. ताज्जुब की बात तो ये कि मोबिक्विक के डाउनलोड में भी 100 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. इस दौरान मोबिक्विक 2.80 लाख से ज्यादा डाउनलोड हुए हैं.
पेटीएम की हालत खस्ता
ऐप ट्वीके मुताबिक पेटीएम के डाउनलोड स्टेटस वेंटिलेटर पर पहुंच चुका है. जी हां, करीब दो हफ्तों यानी 31 जनवरी के बाद से पेटीएम के डाउनलोड में 32 फीसदी की गिरावट देखने को चुकी है. इस ड्यूरेशन में पेटीएम का डाउनलोड एक मिलियन से कम यानी 9,98,301 डाउनलोड हुए हैं. खास बात तो ये है कि आरबीआई के एक्शन से एक हफ्ता पहले पेटीएम डाउनलोड का सिस्टम करीब डेढ़ मिलियन यानी 1.48 मिलियन था. वीकली बेसिस तो देखें तो पिछले हफ्ते में पेटीएम के डाउनलोड 20 फीसदी कम हुआ है. जबकि गूगल के डाउनलोड में 52 फीसदी और फोनपे के डाउनलाेड 76 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.
अगर बात मोबिक्विक की करें तो कंपनी इस मौके को भुनाने की पूर कोशिश कर रहा है. कंपनी ने अपने मोबिक्विक वाइब का छोटे कारोबारियों देना शुरू कर दिया है. साथ ही कंपनी पीओएस मशीनों की संख्या में भी लगाजार इजाफा कर रहा है. बीते 8 दिन में मोबिक्विक के डाउनलोड में 100 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. इस दौरान ऑफलान मर्चेंट जीएमवी भी 30 फीसदी बढ़ा है. ऑनलाइन मर्चेंट जीएमवी में 25 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है.
एयरटेल पेमेंट बैंक भी तैयार
पेटीएम पेमेंट बैंक पर कार्रवाई के बाद से एयरटेल पेमेंट बैक इस मौके को भुनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अगर बात एयरटेल के पेमेंट बैंक मर्चेंट की बात करें तो 10 से ज्यादा लाइव हैं. वैसे फोनपे और गूगल पेका वर्चस्व लगातर बढ़ रहा है. हर महीने दोनों का यूपीआई ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में औसतन 80 से 85 की हिस्सेदारी देखने को मिली है. एनपीसीआई के मुताबिक दिसंबर 2023 के दौरान यूपीआई वॉल्यूम में फोनपे की हिस्सेदारी 46 फीसदी देखने को मिली थी और गूगलपे की हिस्सेदारी 36 फीसदी थी. वहीं पेटीएम पेमेंट बैंक की हिस्सेदारी मात्र 13 फीसदी देखने को मिली थी.