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सही निर्णय करो, सफलता प्राप्त करो- आचार्य विशुद्ध सागर

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बड़ौत – दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर जी गुरुदेव ने कहा कि  मार्ग पर चलना कठिन नहीं है; निर्णय करना कठिन है। आचार्य श्री ऋषभ सभागार मे बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति द्वारा आयोजित धर्मसभा मे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संकल्प करना कठिन है, दृढ़ता कठिन है, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता कठिन है। विपत्तियाँ आ सकती हैं, संकट आ सकते हैं, विघ्न-बाधायें हो सकती हैं, परन्तु जो दृढ़ है वह संकटों में दुःखी नहीं होता, अपितु दृढ़ता के साथ उत्साह पूर्वक लक्ष्य की ओर बढ़ता है।
आगे बढ़ने वाले ही मंजिल प्राप्त कर पाते हैं। सही निर्णय करो, सही राह पर चलो। जीवन में ऊँचाईयाँ प्राप्त करना है, तो सहन करना सीखो। उचित निर्णय करना सीखो। सही निर्णय के बिना लक्ष्य नहीं मिलता। श्रमशील बनो, आलस छोड़ो।
तपस्वी, ज्ञानियों की संगति करो। बड़े-बड़े योगियों ने उपसर्ग सहन किए और सिद्धि को प्राप्त किया। सिद्धि होते ही लोकालोक में स्वयमेव ही प्रसिद्धि हो गई। पूज्यों से स्पर्धा मत करो, ज्येष्ठों के प्रति श्रद्धा रखो। ज्येष्ठों से ज्ञान प्राप्त करो, अनुभवशीलों से सलाह लो, विनयशील बनो, नम्रता पूर्ण जीवन जियो। गुरुओं की शिक्षा शिष्यों को श्रेष्ठ बनाती है। गुरुओं की सेवा से ज्ञान की वृद्धि होती है। जो गुरुओं की सेवा करता है, उसे शीघ्र ही लोक में प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
प्रसिद्धि पाना है तो सिद्धि प्राप्त करो। सिद्धि चाहिए तो श्रद्धा जागृत करो। श्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता। अनुभव, अभ्यास और श्रम से शीघ्र ही कार्य की सिद्धि हो जाती है।सभा का संचालन पियूष भैया ने किया।प्रवचन के बाद परम पूज्य स्वस्ति भूषण माताजी की शिष्या गुंजन दीदी और मधु दीदी (जिनकी दीक्षा 9 दिसंबर को सोनागिर मे होनी है) की गोद भराई बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति द्वारा की गयी।
     सभा मे अतुल जैन, मनोज जैन,सुनील जैन सबगे वाले, आनंद जैन खद्दर वाले,सुभाष जैन,वरदान जैन, वीरसेन जैन,विनोद जैन,आलोक मित्तल,अशोक जैन, पुनीत जैन आदि उपस्थित थे ।