दर्शनोदय थूवोनजी कमेटी पहुंची आगरा लिया मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज
अशोक नगर – मध्य भारत के सबसे बड़े तीर्थ अतिशय क्षेत्र दर्शनोंदय तीर्थ थूवोनजी में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज के मार्गदर्शन आशीर्वाद से पाषाण से निर्मित होने वाले गारह मंजिल उतंग सहस्त्र कूट जिनालय के पांच मुख्य शिलान्यास कर्ता परिवारो में दो परिवारों ने इक्कीस लाख रुपए की राशि स्वीकृत कर मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया इस दौरान आगरा चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप जैन पी एन सी महामंत्री नीरज जैन जिनवाणी कोषाध्यक्ष राजेन्द्र मोठया कार्यअध्यक्ष पी एल वैनारा हीरा लाल वैनारा संयोजक मनोज वाकलीवाल ने शाल श्रीफल से सम्मान किया।
गुरु देव के सान्निध्य की प्रार्थना लेकर आयी है थूवोनजी कमेटी –विजय धुर्रा
दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी के प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने आगरा से लौटकर वताया कि की वर्षो की लगातार कोशिश के बाद दर्शनोदय थूवोनजी कमेटी को पत्थर से निर्मित होने वाले गारह मंजिल उतंग सहस्त्र कूट जिनालय के शिलान्यास क्रिया को विधि के साथ सम्पन्न कराने हेतु कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टींगू मिल महामंत्री विपिन सिंघई निर्माण मंत्री विनोद मोदी कोषाध्यक्ष सौरव वाझल आडिटर राजीवचन्देरी सहित अन्य प्रमुख जनो ने पूज्य श्री के चरणों में श्री फल भेंट कर सहस्त्र कूट की सम्पूर्ण रूप रेखा रखीं पांच शिलान्यास कर्ताओ में से दो की सुइक्रति मिली है ।
दो दातार परिवारो ने दी शिलान्यास की सुइक्रति
थूवोनजी में होने वाले शिलान्यास की सुइक्रति प्रदान की जिनमें दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टींगू मिल श्री राजेन्द्र कुमार वीरेन्द्र कुमार गौरव कुमार सचिन कुमार सौरभ कुमार टींगू मिल परिवार ने इक्कीस लाख रुपए की राशि सहस्त्र कूट जिनालय में समर्पित कर जान मानें इसरो वैज्ञानिक डॉ जी सी जैन श्री मति अंगुरी जैन अहमदाबाद श्री मति हेमलता केवल चंद भूषा राजेश्वरी -आशीष कुमार श्रीमति वैशाली -मनीष कुमार पूजा-मुकेश सोगानी इसरो वैज्ञानिक डॉ जी सी जैन परिवार अहमदाबाद ने इक्कीस लाख रुपए की सुइक्रति प्रदान कर परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कियापूज्य गुरुदेव के निर्देशन में शुभ मुहूर्त में पांच प्रमुख पात्रों के साथ शिलान्यास उपरांत कलशों व दीपों की स्थापना की जायेंगे
किसी अच्छे आदमी के हाथ में जाने पर बस्तू भी अनमोल हो जाती हैं–मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज
इस अवसर पर धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि पुगंव श्रीसुधासागरजी महाराज ने कहा कि एक ही वस्तु किसी के हाथ मे चली जाए तो वह वस्तु निर्मूल हो जाती है और वही वस्तु किसी अच्छे आदमी के हाथ मे चली जाए तो अनमोल हो जाती है हम लोगो के भाग्य से दक्षिण भारत से एक विद्याधर आ गया, उस बालक के लिए पूज्यवर ज्ञानसागर जी महाराज ने यही सिखाया, न्याय सिखाया, सिद्धान्त सिखाया, स्वाध्याय पढ़ो, पढ़ो।
साहित्य कार भी अलंकार को समझने में पीछे है
उन्होंने कहा कि इतना अध्ययन कराया कि तुम्हारे लिए हर प्रश्न का जबाब देना आना चाहिए। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ने विद्याधर जी को इतना पढ़ाया कि आज उनके पास हर प्रश्न का जबाब है। आज ऐसा कोई भी जबाब नही है जो हमारे पूज्य गुरुदेव न दे सके आज गुरुदेव जिनकी वाणी के ऊपर डि.लेट करने वाले भी कहा लगते है, आज हिंदी पढ़ने वाले भी वो हिंदी नही जानते जो हमारे पूज्य गुरुदेव जानते हैंआज बड़े बड़े साहित्यकार भी वो अलंकार नही जानते है, पूरे कोश उठाके देख लो ऐसे ऐसे शब्दों की परिभाषा बनाई जो कोश में ही नही मिलती है। स्त्री के पर्यायवाची सारे कोश में छान लो कंही नही मिलेंगेमूकमाटी में मिलेगा।
वेटी दोनों कुलों की कीर्ति को बढ़ती चली जाती है
उन्होंने कहा कि शास्त्रो में लिखा था दुहिता, यानी दो हित करती है पीहर का और ससुराल का। आचार्य श्री ने लिखा तिहिता। तिहिता ढूढते रहो किसी कोश में नही मिलेगा मिलेगा तो आचार्य महाराज के कोर्स में मिलेगा, उन्होंने व्याख्या कि दोनो को तो सम्हालती ही है, और आर्यिका दीक्षा ले तो मोक्षमार्ग भी। ऐसे बहुत सारे शब्द है जिज शब्दो की व्युत्पत्ति का अर्थ बड़े बड़े साहित्यकार माथा टेकते है। ये सब आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज की देन थी, तुम अध्ययन करो, स्वाध्याय करो, तुम्हारी उम्र अभी बहुत छोटी है, तुम्हे बहुत जीना है, बहुत संघर्ष आएंगे, ऐसे ऐसे लोग सवाल जबाब करेगे वो सब सिखाया और आचार्य महाराज ने जो बीड़ा उठाया लोग देखकर दंग रह गए।
मंदिर कितने ही पवित्र कर लें रास्ते तो गंदे मिलेंगे
उन्होंने कहा कि ये मंदिर कितने ही पवित्र कर लो मंदिर आने वाले रास्ते यदि गंदे है तो मन्दिर कितना पवित्र रहेगा। चोरी करना पाप नही है चोरी करने से जो रास्ता बदनाम होता है वो महापाप होता है। तुम क्या गलती कर रहे हो, ये इतना बड़ा पाप नही है, तुम्हारी गलती से मार्ग दूषित होता है। तुम इतने महान हो कि तुम गलती करोगे तो हजारों लोग गलती करेगे। हम कितने भी गलत हो जाये मार्ग को कभी गलत नही होने देना, मार्ग की सुरक्षा करो पूज्य सिंहासन पर बैठता है और पूजा थाली में होती है उन्होंने कहा कि पूज्य सिंहासन पर बैठते हैं और पूजाकटेबल पर, दोनो में कितना अंतर है। पूजा भक्त की पर्याय है और पूज्य भगवान की पर्याय है।