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256 महामण्डलीय श्री सिद्ध चक्र विधान में चढाऐ 32 अर्घ्य – गूंजे श्री जी के जयकारे

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फूलों की नहीं आचरण की खुशबू होनी चाहिए:– आचार्य  सौरभ सागर 

रविवार को आचार्य श्री का 53 वाँ अवतरण दिवस मनाएंगे 

जयपुर – जयपुर की हृदय स्थली भट्टारक जी की नसिया में चल रहे 256  महामंडलीय श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के अंतर्गत बुधवार को आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में सिद्धों की आराधना करते हुए मंडल पर जयकारों के बीच मंत्रोच्चार के साथ 32 अर्घ्य समर्पित किए गए। प्रातः कालीन अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजन के साथ विधान  प्रारंभ हुआ । इस मौके पर आयोजित धर्म सभा में आचार्य सौरभ सागर ने कहा कि व्यक्ति आज धर्महीन हो गया है व्यक्ति के पास आज धन कमाने का पर्याप्त समय है पर धर्म कमाने के लिए समय नहीं है। आज मानव भौतिकता की चकाचौंध में दौड़ा चला जा रहा है जिससे वह धर्म कर्म को भूल बैठा है और ऐसे में अपने आचरण के विपरीत कार्य करने लगा है। मंच संचालन मंत्री मनीष बैद ने किया । गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद ने बताया कि पूज्य श्री के द्वारा प्रतिदिन सिद्ध चक्र महामंडल विधान पर आधारित श्रीपाल मीना सुंदरी के चरित्र का वर्णन भी किया जा रहा है। विधान के दौरान यज्ञ नायक रमेश जैन तिजारिया,प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, पदम बिलाला, ओम प्रकाश काला सहित समिति के आलोक जैन तिजारिया, कमलेश जैन बावड़ी, शिखर जैन सारसोप, चेतन जैन निमोडिया, मनीष बैद द्वारा जयकारों के बीच भक्ति नृत्य किये। पूजा के दौरान सभी इन्द्र – इन्द्राणियों ने धूमधाम के साथ जिनेंद्र भगवान की आराधना की। इससे पूर्व मंशापूर्ण भगवान महावीर के चित्र के समक्ष मधु ठोलिया, प्रकाश गंगवाल,शिखर जैन, कमलेश बावड़ी, महेश चांदवाड,चेतन जैन निमोडिया एवं अन्य गणमान्य श्रेष्ठीजनों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। 

अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया ने बताया कि बुधवार को विधान पूजन के दौरान  समाजसेवी सहित सभी ने आचार्य श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री सौरभमयी सिद्धचक्र प्रभावना समिति के पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान किया गया। विधान पूजन के संपन्न होने के पश्चात सोधर्म इंद्र सौम्या – राहुल पाटनी, कुबेर इंद्र सुप्रिया- शिखरचंद जैन सरसोप वाले, श्रीपाल मैना सुंदरी मुन्नी देवी- नरेंद्र सोगानी, महायज्ञ नायक  रूक्मणी, कमलेश, प्रमोद, उत्तम जैन बावड़ी वाले, यज्ञ नायक रमेश- माया जैन तिजारिया, चक्रव्रती इंद्र कुशल- मधु ठोलिया, विधान सामग्री पुण्यार्जक शांति कुमार ममता सोगानी जापान वाले, ध्वजारोहण जी सी- विशल्या देवी बड़जात्या, पांडाल उद्धघाटन रेणु, मोहित- नमिता राणा, अखंड दीप ज्योति प्रवज्जलनकर्ता संजय- सरोज गोधा एवं जिनवाणी स्थापनकर्ता संजय- डॉ शालू जैन सहित सभी प्रति इंद्रोें ने जाप्यानुष्ठान में भाग लिया । कार्यक्रम संयोजक अतुल मंगल लवली ने जानकारी देते हुए बताया कि सायंकालीन सत्र में शाम 6 बजे श्रीजी की एवं आचार्य सौरभ सागर महाराज की महामंगल आरती की गई। इसके पश्चात आचार्यश्री के सानिध्य में विश्व प्रसिद्ध भू वैज्ञानिक एवं वास्तुविद डॉ राजेन्द्र जैन ने अपने व्याख्यान में व्यापार में सफलता, रोगो से मुक्ति, कर्ज से मुक्ति सहित गृह शांति के विशेष उपाय बताए । तत्पश्चात शंका समाधान और आनंद यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री के पास अपनी शंकाएं रखी जिसका समाधान सौरभ सागर महाराज ने किया और आनंद यात्रा के दौरान आचार्य श्री ने उपस्थित श्रावकों और बच्चों से धार्मिक प्रश्न किए, सही जवाब देने वालों को समिति द्वारा पुरुस्कृत किया गया । गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद एवं मुख्य समन्वयक चेतन जैन निमोडिया के मुताबिक गुरुवार को सुबह 6.30 बजे नित्याभिषेक और शांतिधारा होगी। प्रातः 7.30 बजे से विधान पूजन प्रारंभ होगा एवं प्रातः 8.30 बजे आचार्य सौरभ सागर महाराज के मंगल प्रवचन होगे। इस मौके पर सासंद राम चरण बोहरा, विधायक अशोक लाहोटी, राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा विशिष्ट अतिथि होंगे। सायं कालीन सत्र में श्रीजी की मंगल आरती, गुरुदेव की आरती के साथ विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन एवं आनंद यात्रा का आयोजन होगा। 

आचार्य सौरभ सागर महाराज का 53 वां अवतरण दिवस समारोह रविवार को

मुख्य समन्वयक चेतन जैन निमोडिया  ने बताया कि भट्टारक जी की नसियां में चल रहे 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान रविवार 22 अक्टूबर को आचार्य सौरभ सागर महाराज का 53 वाँ अवतरण दिवस मनाया जायेगा। जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालुगण जयपुर पहुंचेंगे और गुरुदेव का अवतरण दिवस मनाएंगे। समिति द्वारा इस मौके पर निर्धन लोगों को भोजन करवाया जायेगा, गरीब बच्चों को वस्त्र भेंट किए जायेगे साथ ही विभिन्न कार्यक्रम किए जायेगे।