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विनाशकाल निकट आने पर, बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है- आचार्य विशुद्ध सागर,दीक्षा दिवस समारोह मे उमड़े जैन श्रधालु

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बड़ौत – चर्या शिरीमणि दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज के सानिध्य मे अजितनाथ सभागार मंडी बड़ौत मे मुनि श्री संजयंत सागर,मुनि श्री सारस्वत सागर, मुनि श्री सौम्य सागर, मुनि श्री प्रणव सागर, मुनि श्री प्रणव सागर पाँचो मुनिराज का दीक्षा दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। धर्म- सभा में सम्बोधन करते हुएआचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि – “गुरुवाणी जगत्-कल्याणी है। दुःखी-प्राणी यदि गुरुओं के उपदेशों को श्रवण कर तदनुसार जीवन जीता है तो कर्मों का क्षय कर, सुखद् आनन्दित जीवन जीता है।”जगत पर जो कुछ भी परिवर्तन चल रहा है, वह स्वयमेव ही चल रहा है। कोई भी व्यक्ति वस्तु-व्यवस्था को अव्यवस्थित नहीं कर सकता है, परन्तु व्यक्ति व्यर्थ ही चिंता कर दुःखी होता है। किसी के सोचने से, किसी का भला- बुरा नहीं होता है। जो होना होता है, वही होता है। विश्व की वस्तु-व्यवस्था व्यवस्थित है, हमें मात्र अपनी मानसिकता को ठीक करना है। परिस्थितियाँ विपरीत हो सकती हैं. पर हमें अपनी मनः स्थिति ठीक करना चाहिए। जिसकी मनःस्थिति ठीक होती है, उसकी परिस्थिति भी ठीक हो जाती हैं । जिसका विनाश का काल आता है, वह उपद्रव करना प्रारम्भ कर देता है। दूसरे के धन, धरती, धर्मायतन, अधिकारों को छीनने वाला अपराधी होता है। अति की इति होती है। किसी को सताओ मत, तुम भी सताये जाओगे। दूसरों को कष्ट देने वाला शांति से नहीं जी सकता है।

अपने पुण्य पर मत इठलाओ, पुण्य क्षीण होने में देर नहीं लगती। पुण्य का क्षय होते ही, सब कुछ बदल जाता है। पापोदय में सम्पत्ति भी विपत्ति रूप फलित होती है। पापियों का शीघ्र ही अंत होता है। मत करो पाप, नहीं तो पाप का फल बहुत कष्टप्रद होता है। किसी को मत सताओ, शांति तुम जीवन नियो और दूसरों को जीने दो । कहाँ गया रावण? कहाँ गया कंस? कहाँ गए कौरब ? (दुर्जनों का राज्य अधिक दिन नहीं चलता। बबूल का बींज बोओगे तो कांटे ही मिलेंगे, कष्ट ही मिलेगा। सँभलो, समझो। देखो, जानो,समझो । सभा का संचालन वरदान जैन ने किया। मंगलाचरन अमित जैन द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन और पाद प्रक्षालन नवीन जैन अरपन जैन बूडपुर वालो द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट नमोस्तु शासन सेवा संघ द्वारा किया गया। सभा मे नागपुर, भिंड, भिलाई, दुर्ग, टीकमगढ़ आदि अनेक स्थानो से हजारो श्रधालु आये ह थे।प्रभावना वितरण वरदान जैन, अतिशय जैन द्वारा किया गया । सभा मे सुभाष जैन, अशोक जैन, प्रमोद जैन, राजकुमार जैन,राजेश जैन, हंस कुमार जैन,अंकुर जैन, सुधीर जैन, राकेश जैन, अमित जैन,विमल जैन,संजय जैन,सुनील जैन, अतुल जैन,विपिन जैन आदि उपस्थित थे।