- दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी पहुंची आगरा
- तीर्थ घाट के समान है जहां से पार उतरना है–मुनि पुगंव श्रीसुधासागरजी महाराज
अशोक नगर – मध्यभारत के सबसे बड़े तीर्थ अतिशय क्षेत्र दर्शनोंदय तीर्थ थूवोनजी में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज की प्रेरणा से भारत का सबसे बड़ा गायरह मंजिल सहस्त्र कूट का शिलान्यास सीध्र किया जायेगा इस हेतु दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी ने आगरा में विराजमान मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज ससंघ के सान्निध्य में सभी विंन्दूओ पर चर्चा कर अंतिम रूप दिया
- तीर्थ क्षेत्र कमेटी ने श्री फल भेंट कर किया निवेदन
तीर्थ क्षेत्र कमेटी के प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने आगरा से लौटकर वताया कि प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भइया शुयस के साथ कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टींगू मिल महामंत्री विपिन सिंघई मंत्री विनोद मोदी मंत्री राजेन्द्र हलवाई कोषाध्यक्ष सौरव वाझल आडिटर राजीवचन्देरी शिरोमणि संरक्षण गौरव जैन टींगू मिल संजीव श्रागर सुनील जैन मनीष जैन सहित अन्य सदस्यों ने श्री फल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया करते हुए कहा कि पूज्य श्री मात्र साठ किलोमीटर की दूर से आप वापसी लौट आए एक बार आप अपनी नज़र से तीर्थ क्षेत्र का अवलोकन कर लेते तो हम धन्य हो जातें
- हम प्रत्यक्ष सान्निध्य चाहते थे आप अव यही से आशीर्वाद दे
कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टिंगू मिल महामंत्री विपिन सिंघई ने कहा कि हम तो चाहते थे कि आप प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हैं तो भी हम आपके आशीर्वाद को ही प्रत्यक्ष गारह मंजिल उतंग सहस्त्र कूट जिनालय का शिलान्यास करना चाहते हैं मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि महाराजश्री आपके आशीर्वाद से तीर्थ क्षेत्र कमेटी निरन्तर क्षेत्रविकास का कार्य कर रही है हमारी कोशिश है कि यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध करायें इस हेतु सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है मंत्री विनोद मोदी ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र पर गारह मंजिल उतंग सहस्त्र कूट जिनालय के लिए सात सौ से अधिक प्रतिमाओं को स्थापित करने वाले श्राद्धालुओ के नाम आ गए हैं इस हेतु आपका मार्गदर्शन चाहिए
- तीर्थ क्षेत्र की वंदना करना और करवाना पुण्य का कार्य–मुनिश्री
इस दौरान निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र घाट के समान है जैसे घाट से नदी को पार किया जाता है वैसे ही तीर्थ क्षेत्र के माध्यम से संसार सागर से पार उतर जातें है आपका सौभाग्य है कि आपको सैकड़ों साल पुराने तीर्थ क्षेत्र दर्शनोंदय तीर्थ थूवोनजी की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ अव हम हर जगह तो जा नहीं सकते हैं आज तकनीकी विकसित हुई तो उसका लाभ धार्मिक क्षेत्र में भी आप ले हम नहीं पहुंच पाई तो आप अनलाइक शिलान्यास करना सकते हैं हम यही वैठे वैठे आपको आशीर्वाद दे देंगे और आप तीर्थ क्षेत्र पर पहुंच कर शिलान्यास कर लेना तीर्थ क्षेत्र की वंदना करना और करवाना भी पुण्य का कार्य है संसार के कामों के साथ निकल तम तीर्थो की वंदना करके पुण्य अर्जित करते रहा करें।