- दशलक्षण महापर्व का सातवां दिन –
- उत्तम तप सब मांहि बखाना…
- वीतराग धर्म का उत्तम तप लक्षण मनाया –
- मंगलवार को मनाया जावेगा वीतराग धर्म का उत्तम त्याग लक्षण- कर्म निर्झर तेला आज से (मंगलवार से ) –
जयपुर – दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों ने दशलक्षण महापर्व में सातवे दिन सोमवार को वीतराग धर्म का उत्तम तप लक्षण भक्ति भाव से मनाया । इस मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे। इससे पूर्व दिगम्बर जैन मंदिरों में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म में उत्तम तप लक्षण की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि उत्तम तप लक्षण पर प्रवचन देते हुए संतों एवं विद्वानों ने कहा कि ” तप चाहै सुरराय, करम शिखर को वज्र है। द्वादशविधि सुखदाय, क्यो ने करै निज सकति सम।। उत्तम तप सबमाॅहि बखाना, करम शैल को वज्र समाना। बस्यो अनादिनिगोद मॅझारा, भू विकलत्रयपशु तन धारा।। ” अर्थात समस्त रागादि परभावों की इच्छा के त्याग द्वारा स्वरुप में प्रतपन करना-विजयन करना तप है। आत्मलीनता द्वारा विकारों पर विजय प्राप्त करना तप है। तप शरीर के सुखाने का नाम नहीं है, इच्छाओं के विरोध का नाम है। राजस्थान जैन युवा महासभा के महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ के मुताबिक मंगलवार 26 सितम्बर को वीतराग धर्म का उत्तम त्याग लक्षण मनाया जावेगा । श्री जैन के मुताबिक मंगलवार से तीन दिवसीय कर्म निर्झरा तेला शुरु होगा।
श्री जैन के मुताबिक़ खोह नागोरियान स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में विनोद -दीपिका जैन कोटखावदा, कमल -मंजू वैद के नेतृत्व में प्रातः भगवान के अभिषेक एवं विश्व में सुख समृद्धि और शांति की मंगल कामना करते हुए मंत्रोच्चार से शांतिधारा की गई । तत्पश्चात अष्ट द्रव्य से धर्म के उत्तम तप धर्म की पूजा की गई।सायंकाल महाआरती, णमोकार महामंत्र के जाप, भगवान आदिनाथ का चालीसा, भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए । सूर्य नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में दशलक्षण महापर्व के तहत सायंकाल नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई । श्योपुर के श्री चन्द्र प्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में दिव्या बाकलीवाल एवं अमिता साह के नेतृत्व में दशलक्षण धर्म पूजा की गई । श्री जैन के मुताबिक शहर के 225 से अधिक दिगम्बर जैन मन्दिरों में दशलक्षण महापर्व मनाया गया । श्री जैन के मुताबिक 27 से 29 सितम्बर तक रत्नत्रय व्रत एवं तेला मनाया जाएगा।दशलक्षण महापर्व गुरुवार, 28 सितम्बर तक चलेगा। 28 सितम्बर तक दशलक्षण व्रत किये जायेंगे। सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश होगें । 30 सितम्बर को षोडशकारण समापन कलश एवं पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जावेगा। इस दौरान दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन होगें।