जैन तीर्थों की दशा एवं दिशा पर आयोजित हुई परिचर्चा एवं संगोष्ठी
इंदौर – तीर्थ स्थलों की दशा अच्छी नहीं है, तीर्थ स्थलों के विकास की रफ्तार कभी नहीं रुकना चाहिए, तीर्थ स्थल हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है, इसे बचाने के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा, क्योंकि तीर्थ स्थलों की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है, तीर्थ स्थलों की दशा सुधारने की जरूरत है, हम सभी समाज जनों को मजबूती के साथ कार्य करना पड़ेगा,जैन समाज का पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए, जैन तीर्थ की दशा एवं दिशा पर चिंतन होना बहुत आवश्यक है, समाज एकजुट होना भी बहुत जरूरी है, इंदौर जैन समाज का बहुत बड़ा सशक्त केंद्र है और समाज सेवा के क्षेत्र में भी नंबर वन है। यह बाते गाजियाबाद के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री जंबू प्रसाद जैन ने जैन तीर्थों की दशा एवं दिशा पर परिचर्चा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। इस संगोष्ठी में जैन तीर्थों पर हो रहे कब्जो को लेकर एवं प्राचीन तीर्थो के जीर्णोध्दार पर चर्चा हुई , इसमें देशभर के अलग अलग राज्यों से जैन तीर्थ के अध्यक्ष भी एक मंच पर आए व अपनी बात कही
दिगंबर जैन समाजीक संसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के अध्यक्ष राकेश विनायका , तीर्थ निर्देशिका के संपादक हसमुख जैन गांधी ने बताया कि रविवार को जैन तीर्थ की दशा एवं दिशा पर परिचर्चा एवं संगोष्ठी सरसेठ हुकुमचंद की नसिया जवरीबाग में आयोजित की गई।आयोजन की शुरुआत सुबह दीप प्रज्वलन के साथ हुई। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि गाजियाबाद के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री जंबू प्रसाद जैन थे, विशेष अतिथि भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी,उ प्र के अध्यक्ष श्री जवाहरलाल जैन, भगवान ऋषभदेव मूर्ति निर्माण कमेटी औरंगाबाद के महामंत्री श्री संजय पापड़ीवाल रहे । संगोष्ठी में देश भर के अलग-अलग राज्यों से जैन समाज जन और जैन तीर्थों के अध्यक्ष भी सम्मिलित हुए सभी एक मंच पर साथ दिखे । इस संगोष्ठी में वक्ता के रूप में तीर्थकर ऋषभदेव जैन विद्वत महासंघ के अध्यक्ष अनुपम जैन, अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा परिषद हस्तिनापुर के अध्यक्ष डॉ जीवन प्रकाश जैन, अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला संगठन की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती सुमन जैन ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। इस संगोष्ठी में जैन तीर्थों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था जिनमें मक्सी तीर्थ स्थल से कमलेश कासलीवाल, पावागिरी उन से हेमचंद झांझरी, सिद्धवर कूट से अमित कासलीवाल, पुष्पगिरी से अशोक दोषी, बनेडिया से अनिल गंगवाल, आहु से पवन गंगवाल, शीतल तीर्थ रतलाम से डा.सविता जैन, कागदीपुरा धार से विनय छाबड़ा, नेमावर से नरेंद्र जैन, बही पार्श्वनाथ से शांतिलाल बड़जात्या, मांगतूगगिरी से नरेश गंगवाल सहित अन्य समीलित हुए ।