31 दिन तक केवल गर्म पानी पीकर उपवास करने वालों का सम्मान
10 से 17 अगस्त के बीच कड़ी परीक्षा से गुजरेंगे तपस्वी
रायपुर – इस चातुर्मास टैगोर नगर में तपस्याओं की झड़ी लगने वाली है। श्री लालगंगा पटवा भवन में विराजमान उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि महाराज साहब की निश्रा में 10 से 17 अगस्त के बीच अट्ठाई की तपस्या होगी। इसमें 1008 तपस्वी शामिल होंगे। रायपुर के इतिहास में ऐसी तपस्या पहली बार होने जा रही है । इधर, मंगलवार को मासखमण की तपस्या पूरी करने वाले तीन तपस्वियों का गुरुदेव के सानिध्य में सकल जैन समाज ने सम्मान किया। रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि विजय संचेती, विनय पटवा और चांदनी जैन ने लगातार 31 दिन की तपस्या की है। एक महीने की यह कठिन तपस्या तीनों ने केवल गर्म पानी पीकर पूरी की है। उनके सम्मान में मंगलवार को प्रवचन के बीच गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। यहां गुरुदेव समेत सकल जैन समाज ने उनका अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि 10 से 17 अगस्त के बीच होने वाली अट्ठाई की तपस्या भी ऐतिहासिक होगी। 1008 तपस्वी इसमें हिस्सा लेंगे। तपस्या के समापन पर गुणानुवाद सभा और आनंद महोत्सव का आयोजन ललित महल में किया जाएगा।
परिवार ऐसा बनाओ कि घर जाने पर चेहरा खिल उठे: प्रवीण ऋषि
प्रवचन सभा में उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने कहा, लोग बाहर हंसते-मुस्कुराते घूमते हैं। घर के अंदर प्रवेश किया नहीं कि चेहरे पर 12 बज जाते हैं। मुस्कान उड़ जाती है। बोलती बंद हो जाती है। परिवार ऐसा बनाओ कि बाहर भले कितनी भी परेशानी हो, घर जाने पर मन आनंदित हो उठे। तपस्या भी उन्हीं की पूरी होती है जिनके चेहरे पर मुस्कान होती है। जिनके मन में प्रसन्नता नहीं है, उनकी तपस्या कभी पूरी नहीं हो सकती। व्यर्थ और अनर्थ से मुक्त होना है तो पच्चखाण करना होगा। इसलिए जीवन में पच्चखाण जरूर करें। पच्चखाण कर लेने से भूत, भविष्य और वर्तमान के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। जो व्यक्ति पच्चखाण नहीं करता, वह अतीत के पाप कर्मों का दुख तो भोगता ही है। वर्तमान में जो पाप नहीं किए हैं और भविष्य में भी नहीं करेंगे, उसकी सजा भी भुगतनी पड़ती है।