रायपुर – भक्ति, तपस्या और साधना के सर्वाधिक अनुकूल वर्षायोग के दौरान पड़ने वाले चातुर्मास का जैन संप्रदाय में विशेष महत्व है। इन दिनों अधिक से अधिक विशुद्धि रखकर, कम साधनों का प्रयोग करके धर्म ध्यान, जाप एवं पाठ किए जा रही हैं। सनातन काल से चली आ रही परिपाटी का परिपालन करते हुए डीडी नगर स्थित श्री 1008 भगवान वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में दिगंबर जैन आदिश्वर महिला मंडल द्वारा 16 जुलाई से 48 दिवसीय भक्तामर पाठ की महा आराधना प्रतिदिन प्रारंभ की गई है। जिसमें प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से समाज के विभिन्न परिवारों द्वारा क्रमवार संस्कृत में विशेष पाठ किया जा रहा है। महामुनि मानतुंग आचार्य की भक्ति से ईष्र्या करते हुए उनको 48 तालों वाले कारागार में कैद कर लिया गया था तब उनके द्वारा भगवान आदिनाथ की स्तुति वाचन में निर्मित भक्तामर पाठ के लेखन, वाचन के दौरान ऐसा अतिशय प्रस्तुत हुआ कि हर एक काव्य के पश्चात् एक, एक करके पूरे 48 ताले स्वतः ही टूट गए और कारागर के पट खुल गए। प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान की महिमा वर्णन करते हुए आराधना का विशेष पाठ किया जा रहा है। जिसमें अनीता जैन, वर्षा जैन, श्रृद्धा जैन, वंदना जैन, अलका जैन, संगीता जैन, अमिया जैन, सुमन जैन, मंजुला जैन सहित बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं उपस्थित हो रही हैं।