जतारा – शिक्षा वह है जो हमें निर्माण की कला सिखाए। आज परिवारों में अधिकांश लोग शिक्षित हैं पहले की तरह अनपढ़ लोग नहीं है फिर भी क्या कारण है कि इतनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद भी आज इन शिक्षित व्यक्तियों का व्यवहार उनकी शिक्षा के अनुरूप दिखाई नहीं देता। घर-परिवार में वही लड़ाई- झगड़े, तनाव, आपसी मनमुटाव, अपने माता-पिता आदि बड़े जनों का सम्मान न करना, परस्पर में प्रेम-वात्सल्य स्नेह की हानि आदि अवगुण आपकी उच्च शिक्षा को भी निरर्थक घोषित करते हैं। आज शिक्षा की दौड़ में संस्कार बहुत पीछे छूट गए है । आज आपने बच्चों का उच्च भौतिक शिक्षा का तो प्रबंध किया है किन्तु अच्छे संस्कारों का बच्चों के लिए कोई प्रबंध नहीं है, यही कारण है कि आज व्यक्ति को वस्तु निर्माण की कला तो आ गई किंतु जीवन निर्माण की कला से आदमी बेखबर है। अभी परिवार निर्माण, समाज निर्माण की कला से अपरिचित होने के कारण घर- परिवार में अक्सर तनाव-झगड़े का वातावरण निर्मित होता रहता है । वह अज्ञान अच्छा है जो व्यक्ति को विनय करना नहीं भुलाता किंतु वह उच्च शिक्षा भी निरर्थक है जो आदमी को विनय गुण से रहित कर दे। विनय सिर्फ बड़ों की ही नहीं की जाती, विनय अपनों से छोटों की भी की जाती है बड़ों का सम्मान करना उनकी विनय है और अपनों से छोटों के प्रति प्रेम-वात्सल्य- स्नेह का व्यवहार करते हुए उनकी विनय की जाती है, सच्ची शिक्षा वही है जो आपके जीवन में अभिमान – घमंड को हटाकर जीवन को विनय से भर दे। जिस परिवार में विनय होती है उस परिवार में सब सुख होते हैं। आपके जीवन में यदि वाणी का संस्कार अच्छा है, आपके मन का संस्कार अच्छा है और आपके शरीर की चेष्टाओं का संस्कार अच्छा है तो मैं कह सकता हूं कि आप दुनिया के सबसे सुंदर व्यक्तित्व के धनी हैं। आपके जीवन में उच्च शिक्षा के साथ यदि जीवन निर्माण और परिवार निर्माण की कला है तो आपके परिवार में कभी लड़ाई – झगड़े नहीं हो सकते।अपने अंदर गुणों को ग्रहण करने की बुद्धि आनी चाहिए गुणों का आगमन होते ही अवगुण स्वयमेव पलायन कर जाएंगे जैसे प्रकाश के आते ही अंधकार स्वयमेव भाग जाता है। आप अपने जीवन में क्षमा, विनय, सरलता आदि गुणों का अवतरण कर लीजिए तो क्रोध, अभिमान, छल-कपट-मायाचारी स्वयमेव पलायन कर जाएंगे। गुणों की महिमा आनी चाहिए अवगुण स्वयं भी भाग जाएंगे।
आज से लगेगा भक्तामर शिक्षण शिविर
जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि भोंयरें जी के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान के समक्ष पूज्य आचार्य संघ के सानिध्य में प्रतिदिन भक्तामर महामंडल विधान के माध्यम से महा अर्चना संपन्न हो रही है, इसी के साथ आज से भक्तामर शिक्षण शिविर भी प्रारंभ होने जा रहा,जिसमें पूज्य आचार्य गुरुवर द्वारा भक्तामर जी के गूड़ रहस्यों को सरल एवं सहज भाषा में परिभाषित कर, शिवरार्थियो को भक्तामर का महात्मय समझाया जाएगा।